मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, साल 2018 में अमेरिका के लग्जरी फैशन ब्रॉन्ड बरबरी ने 3.6 बिलियन डॉलर का रेवेन्यु कमाया था। वहीं इस ब्रॉन्ड ने 36.8 मिलियन डॉलर के अपने खुद के प्रोडक्ट को खत्म कर दिया। इस ब्रॉन्ड ने अपनी एनुअल रिपोर्ट में इस बात का जिक्र भी किया है। इस कंपनी के मुताबिक ऐसा करना उसकी मार्केटिंग स्ट्रैटजी है। एक और विदेशी ब्रॉन्ड लुईस विटॉन भी ऐसा करता है।
इस वजह से खुद के प्रोडक्ट में लगाते हैं आग
मार्केट एक्सपर्ट बताते हैं कि ये ब्रॉन्ड दरअसल अपने खुद के बनाए प्रोडक्ट की मांग बनाए रखना चाहते हैं। इस वजह से ये अपने प्रोडक्ट की सप्लाई को समय-समय पर कम करते रहते हैं। हर सीजन ये कंपनियां अपने नए प्रोडक्ट को तो लेकर आती हैं, लेकिन पुराने प्रोडक्ट के रेट कम नहीं करना चाहती। ऐसा इसलिए है कि ऐसा करने से इनकी ब्रॉन्ड इमेज पर फर्क पड़ेगा।
सस्ते दामों पर भी इस वजह से नहीं बेचती प्रोडक्ट
ये कंपनियां अपने पुराने प्रोडक्ट को कम रेट पर डिस्काउंट में भी नहीं बेचती हैं। ऐसा करने से इनकी ब्रॉन्ड की इमेज पर फर्क पड़ जाएगा और ये लग्जरी ब्रॉन्ड नहीं रह जाएंगे। लोगों के सामने अपनी ब्रॉन्ड वैल्यू बनाए रखने के लिए ये कंपनियां ऐसा करती हैं। इसी वजह से ये अपने पुराने प्रोडक्ट को खत्म कर देती हैं।
कंपनियों को नहीं होता नुकसान
आप सोच रहे होंगे की ऐसा करने से इन कंपनियों को नुकसान भी तो होता होगा। आपको बता दें कि ऐसा नहीं है। दरअसल ये नुकसान इन कंपनियों के लिए इतना बड़ा नहीं होता है। इसे ऐसे समझें अगर कोई विदेशी कंपनी अपना एक कपड़ा एक हजार डॉलर का बेच रही है तो असल में उसकी कॉस्ट इतनी नहीं होगी। कंपनी को इसे बनाने में मुश्किल से 100 डॉलर का खर्चा आया होगा।