नई दिल्ली: एडटेक स्टार्टअप लीडो लर्निंग (Lido Learning) दिवालिया हो गई है। कंपनी ने एनसीएलटी (NCLT) की मुंबई बेंच में इनसॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी के लिए आवेदन किया है। कंपनी ने मिनिस्ट्री ऑफ कॉरपोरेट अफेयर्स को रेगुलेटरी फाइलिंग में इसका खुलासा किया है। इस स्टार्टअप में Upgrad के फाउंडर रोनी स्क्रूवाला, पेटीएम के विजय शेखर शर्मा (Vijay Shekhar Sharma) और शादी.कॉम के अनुपम मित्तल जैसे दिग्गज निवेशकों का पैसा लगा है। कंपनी के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने आईबीसी कोड 2016 की धारा 10 के तहत एप्लिकेशन फाइल करने के लिए एक विशेष प्रस्ताव पारित किया है। करीब सात महीने पहले कंपनी ने 1200 कर्मचारियों को निकाल दिया था।
कंपनी ने फाइलिंग में कहा कि वह अपना कर्ज उतारने की स्थिति में नहीं है और वह डिफॉल्ट कर रही है। कंपनी ने अपने कर्मचारियों को कई महीने से सैलरी नहीं दी है। इस साल कई स्टार्टअप कंपनियां 11,000 से अधिक कर्मचारियों को निकाल चुकी है। कोरोना महामारी के कारण पिछले दो साल में डिजिटलीकरण ने जोर पकड़ा था। लेकिन स्थिति सामान्य होने के बाद अब उनकी मुश्किलें बढ़ गई हैं। इन कंपनियों के निवेशकों का जोर अब मुनाफे पर है।
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एडटेक में सबसे ज्यादा छंटनी
खासकर एडटेक सेक्टर में सबसे ज्यादा छंटनी हुई है। दुनिया के सबसे बड़ी एडटेक कंपनी बायजूस ने भी Toppr और Whitehat Jr से बड़े पैमाने पर छंटनी की है। बायजूस ने पिछले साल 15 करोड़ डॉलर में Toppr को खरीदा था। बायजूस ने अगस्त 2020 में वाइटहैट जूनियर को 30 करोड़ डॉलर में खरीदा था। पिछले कुछ महीनों में Unacademy Group, Lido Learning, Vedantu समेत कई एडटेक कंपनियों ने बड़े पैमाने पर अपने कर्मचारियों की छंटनी की है।