Inflation In India: चावल, दाल,आटा… 6 महीने में कितना महंगा हो गया आपका राशन, रेट लिस्ट देखिए

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नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक ने बुधवार को एक बार फिर रेपो रेट (RBI Repo Rate) में बढ़ोतरी कर दी है। इस बात बढ़ोतरी 0.50 फीसदी की हुई है। इससे पहले 4 मई को ही रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 0.40 फीसदी बढ़ाया था। इस तरह करीब महीने भर में ही भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में करीब 0.90 फीसदी की बढ़ोतरी की है। अब नया रेपो रेट 4.9 फीसदी हो गया है। यह सारी बढ़ोतरी महंगाई से जंग लड़ने के मकसद से की गई है। रिजर्व बैंक को आने वाले दिनों में भी महंगाई (Inflation In India) कम होने के कोई संकेत नहीं मिल रहे हैं। इस वित्त वर्ष के लिए महंगाई दर का अनुमान भी 5.7 फीसदी से बढ़ाकर 6.7 फीसदी कर दिया गया है। महंगाई की मार हर महीने बार-बार पड़ रही है और लगातार जारी है।

6 महीनों में 29 फीसदी तक महंगी हुईं रोजमर्रा की चीजें

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अगर पिछले 6 महीनों की बात करें तो तमाम चीजों के दाम काफी बढ़ गए हैं। चावल करीब 13 फीसदी महंगा हो गया है, जबकि आटा 29 फीसदी से भी अधिक महंगा हो चुका है। दूध भी महज 6 महीनों में 7.58 फीसदी महंगा हो गया है। खाने के तेल के दाम भी 10 फीसदी से अधिक बढ़ गए हैं और दालें भी महंगी हुई हैं। ऊपर दिखाए गए चार्ट में आप देख सकते हैं कि प्रति किलो दाम 6 महीने में कितने बढ़ गए हैं। यह दिलचस्प है कि जो दाम सरकार ने बताए हैं, वह बाजार में आपको शायद ही कहीं दिखे। मुमकिन है कि यह दाम सबसे कम हैं, क्योंकि अधिकतर जगह ये सामान आपको इससे महंगे ही मिलेंगे।

रिजर्व बैंक का महंगाई को लेकर अनुमान गड़बड़ाया

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अगर इस साल के सिर्फ चार महीनों का ही ट्रेंड देखें तो रिजर्व बैंक का महंगाई को लेकर अनुमान गड़बड़ा गया है। यही वजह है कि केंद्रीय बैंक को महंगाई के अनुमान में संशोधन करना पड़ा है। अगर क्रिसिल की मानें तो मौजूदा रेपो रेट कोरोना से पहले के स्तर से करीब 25 आधार अंक कम है। उम्मीद है कि इसमें 75 आधार अंक की बढ़ोतरी की जा सकती है। यानी आने वाले दिनों में भी महंगाई से राहत मिलती नहीं दिख रही है।

दिसंबर तक महंगाई से नहीं मिलेगी राहत!

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2022-23 की पहली तिमाही में खुदरा महंगाई दर 7.5 फीसदी, दूसरी तिमाही में दर 7.4 फीसदी, तीसरी तिमाही में दर 6.2 फीसदी और चौथी तिमाही में महंगाई दर 5.8 फीसदी रहने का अनुमान है। इस साल फरवरी में अनुमानित महंगाई 4.5 फीसदी थी, लेकिन वास्तविक महंगाई 6.07 फीसदी रही। वहीं अप्रैल में अनुमानित महंगाई 5.7 फीसदी थी, जो वास्तविक रही 7.79 फीसदी। जून में अनुमान 6.7 फीसदी का है। उम्मीद की जा रही है कि दिसंबर तक महंगाई से कोई राहत मिलने के आसार नहीं हैं।

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