दिल्ली में लोगों को मिल पाएगा अपना घर, DDA की Land Pooling Policy में संशोधन से आसान होगी राह, जानिए क्या है मामला

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नई दिल्ली: निम्न-मध्यम वर्ग के जो लोग दिल्ली में अपने घर का सपना देख रहे हैं, उनके लिए राह आसान हो रही है। दिल्ली विकास प्राधिकरण (Delhi Development Authority) की लैंड पूलिंग पॉलिसी (Land Pooling Policy) को गति देने के लिए सरकार ने दिल्ली डेवलपमेंट एक्ट (Delhi Development Act) में संशोधन का प्रस्ताव रखा है। इस संशोधन के जरिए सरकार द्वारा मैंडेटरी लैंड पूलिंग (Mandatory Land Pooling) का एक प्रावधान जोड़ा जाएगा। इस प्रावधान के अनुसार किसी चयनित क्षेत्र में 70 फीसद डेवलपमेंट एरिया के मालिक अगर अपनी प्रॉपर्टी को लैंड पूलिंग पॉलिसी में देने के लिए सहमत होते हैं, तो सभी जमीन मालिकों को अपनी जमीन लैंड पूलिंग पॉलिसी में देनी होगी। साथ ही यह भी प्रस्ताव है कि अगर 70 फीसद की न्यूनतम सीमा पूरी नहीं होती है, तो भी सरकार के पास मैंडेटरी पूलिंग घोषित करने का पावर होगा। सरकार यह प्रस्ताव इसलिए ला रही है जिससे डेवलपमेंट योजनाएं समय पर पूरी हो सकें।

अभी योजना की है काफी धीमी रफ्तार

केंद्रीय आवासन एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी (Hardeep Singh Puri) ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इन बदलावों की जानकारी दी। पुरी ने कहा प्रस्तावित बदलाव काफी आवश्यक हैं। सरकार का कहना है कि लैंड पूलिंग पॉलिसी को जमीन पर लागू करने में आ रही दिक्कतों को देखते हुए यह बदलाव लाने पड़ रहे हैं। गौरतलब है कि दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) की अति महत्वाकांक्षी योजना लैंड पूलिंग पॉलिसी पिछले साढ़े तीन साल से कछुआ गति से चल रही है। प्रस्तावित बदलावों के अनुसार जिन लोगों को अनिवार्य रूप से अपनी जमीन को देना है, उन्हें किसी अन्य जगह पर जमीन मिलेगी।

वर्तमान में यह है नियम
वर्तमान में दिल्ली में लैंड पूलिंग पॉलिसी एक स्वैच्छिक भागीदारी स्कीम (Voluntary Participation Scheme) है। इसका मतलब है कि किसी भी जमीन मालिक को इस पॉलिसी में आने के लिए बाध्य नहीं किया जाता। इस समय एकिकृत प्लानिंग, सर्विसिंग और डेवलपमेंट के लिए कई जमीन मालकों को और डेवलेपर संस्थाओं को मिलाकर एक रजिस्टर्ड कंसोर्टियम (Registered Consortium) का गठन किया जाता है।

बेघर लोगों को मिलेगा घर
केंद्रीय आवास व शहरी मामलों के मंत्रालय ने 11 अक्टूबर 2018 को लैंड पूलिंग पालिसी को अधिसूचित किया था। शुरुआती दौर में इस पॉलिसी में कुछ गांवों की जमीनों को शहरी ग्रामीण क्षेत्र का हिस्सा न होने के चलते योजना में नहीं लाया गया था। लेकिन बाद में कुल 109 सेक्टर्स में विभाजित कर इस पालिसी को छह जोन में बांट दिया गया। इस योजना के अंतर्गत दिल्ली में 17 लाख घर (Home) बनाए जाने हैं। मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित बदलावों के बाद विकास कार्यों के रफ्तार पकड़ने की उम्मीद है। इससे दिल्ली में अपने घर का सपना देख रहे लोगों को जल्द घर मिल पाएगा।
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साढ़े तीन साल में हो पाया इतना ही काम

बता दें कि बीते साढ़े तीन साल में डीडीए ने लैंड पूलिंग पॉलिसी को लेकर खूब प्रचार किया। इसके लिए ग्रामीण क्षेत्रों में बैठके भी आयोजित हुईं। किसानों, डेवलपर और प्रमोटर्स के की ग्रुप्स के बीच वार्चा के कई दौर रखे गए। कुछ शर्तों व एफएआर (FAR) में परिवर्तन भी किया। लेकिन इसके बाद भी डीडीए को दस हजार हेक्टेयर भूमि भी हासिल नहीं हो सकी है। डीडीए ने इस पालिसी में पांच बार तारीखें बढ़ चुका है। आखिरी बार 10 दिसंबर 2021 से 28 फरवरी 2022 के बीच पालिसी के लिए रजिस्ट्रेशन हुए थे। अब तक सिर्फ 7619.95 हेक्टेयर जमीन ही पंजीकृत हो पाई है।

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