जिद पर अड़े इमरान खान, कुर्सी बचाने को सुप्रीम कोर्ट का भी अपमान, जानिए पाकिस्तान में कैसे बनेगी नई सरकार?

rani 1646745667


जिद पर अड़े इमरान खान

जिद पर अड़े इमरान खान

पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट ने डिप्टी स्पीकर के नेशनल असेंबली को भंग करने के फैसले को असंवैधानिक करार देते हुए नेशनल असेंबली को फिर से बहाल कर दिया था और 9 अप्रैल को सुबह साढ़े 10 बजे तक नेशनल असेंबली में अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग करवाने के आदेश दिए थे। जिसके बाद पाकिस्तान के स्पीकर के सामने विपक्षी पार्टियों ने एक बार फिर से इमरान खान सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। पाकिस्तान की विपक्षी पार्टियों ने असंवैधानिक फैसला देने वाले नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम सूरी के खिलाफ भी अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था। लेकिन, अब एक बार फिर से स्पीकर के द्वारा दांव-पेंच खेली जा रही है और अविश्वास प्रस्ताव को टालने के लिए हर असंवैधानिक कदम उठाए जा रहे हैं। यहां तक की इमरान खान सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश की भी अवहेलना कर रही है।

क्या करना चाहते हैं इमरान खान?

क्या करना चाहते हैं इमरान खान?

पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, इमरान खान ने अपने सलाहकारों को कहा है, कि किसी भी तरह से अविश्वास प्रस्ताव को टाला जाए। पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर ने कहा है कि, इमरान खान की पार्टी के कुछ सांसद विपक्षी पार्टियों को उकसाने के लिए बेफिजूल की नारेबाजी करेंगे और विपक्षी सांसदों को रिएक्ट करने पर मजबूर करेंगे। बकौल हामिद मीर.. इमरान खान ने कहा है, कि कम से कम 6 से 7 विपक्षी सांसदों को सस्पेंड कर दिया जाए और उसके बाद अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग करवाई जाए, ताकि उनके खिलाफ लाया गया अविश्वास प्रस्ताव गिर जाए। लेकिन, हामिद मीर ने कहा कि, इमरान खान का ये तरीका इसलिए बेवकूफी भरा है, क्योंकि, खुद इमरान खान की पार्टी के 25 सांसद उनके सदन में बैठे हैं और अगर विपक्ष को लगता है, कि इमरान खान कोई चाल चल रहे हैं, तो फिर वो सांसद भी इमरान सरकार के खिलाफ वोट डाल सकते हैं।

अब क्या करेंगे इमरान खान?

अब क्या करेंगे इमरान खान?

पाकिस्तान के राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक, इमरान खान कुछ भी कर लें, वो सरकार नहीं बचा पाएंगे। ऐसी स्थिति में, पाकिस्तान में अब विपक्षी पार्टियों की तरफ से नई सरकार बनाने के लिए राष्ट्रपति के सामने प्रस्ताव पेश किया जाएगा और विपक्ष की तरफ से घोषित प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार शहबाज शरीफ को देश का अगला प्रधानमंत्री बनाया जाएगा, लेकिन सवाल ये उठता है, अब इमरान खान के पास क्या विकल्प हैं। शुक्रवार को पाकिस्तानी अवाम को संबोधित करते हुए इमरान खान ने कहा था कि, उन्होंने 32 साल पहले जनता के बीच से देश की भलाई के लिए अपनी राजनीति शुरू की थी और एक बार फिर से वो जनता के बीच में जाएंगे और जनता को समझाने की कोशिश करेंगे, कि अमेरिका के इशारे पर उनके वोट से बनाई गई पाकिस्तान सरकार को गिराया गया है। इमरान खान ने एक बार फिर से कहा कि, उनकी सरकार को विदेशी ताकतों के इशारे पर गिराया गया है, लिहाजा वो इस सरकार को स्वीकार नहीं करेंगे।

नई सरकार का चुनाव कैसे होगा?

नई सरकार का चुनाव कैसे होगा?

पाकिस्तान नेशनल असेंबली के नियमों और प्रक्रियाओं में उल्लेख है कि यदि प्रधानमंत्री की सीट खाली हो जाती है, तो सदन बिना बहस या किसी अन्य व्यवसाय के नए मुस्लिम प्रधानमंत्री का चुनाव करने के लिए आगे बढ़ेगा। शीर्ष पद के लिए कोई भी सदस्य किसी मुस्लिम उम्मीदवार के नाम का प्रस्ताव या समर्थन कर सकता है, लेकिन किसी भी सांसद का नाम दो बार प्रस्तुत नहीं किया जा सकता है, उनका नाम केवल एक ही नामांकन पत्र पर रखा जा सकता है। एक बार नाम तय हो जाने के बाद, उम्मीदवार के नाम प्रधानमंत्री का चुनाव होने वाले दिन से पहले के दिन दोपहर 2 बजे तक सचिव को भेज दिए जाने चाहिए।

चुने गये उम्मीदवार की जांच

चुने गये उम्मीदवार की जांच

नियमों के मुताबिक, पाकिस्तान नेशनल असेंबली के मौजूदा स्पीकर उम्मीदवारों या उनके प्रस्तावकों की मौजूदगी में नामांकन पत्र की जांच करेंगे और अगर उन्हें नामांकन पत्र में कोई कमी दिखती है, तो फिर स्पीकर के पास उसे खारिज करने का भी अधिकार होता है। स्पीकर ये जांच करता है, कि उम्मीदवार के लिए नेशनल असेंबली का सदस्य होना अनिवार्य है। स्क्रूटनी के बाद, स्पीकर के पास नामांकन पत्रों को स्वीकार या अस्वीकार करने की शक्ति होती है। यदि कागजात खारिज कर दिए जाते हैं, तो स्पीकर को कारण बताने होंगे। हालांकि, स्पीकर का फैसला अंतिम माना जाएगा। हालांकि, स्पीकर द्वारा स्वीकार किए जाने के बाद भी उम्मीदवार के पास अपनी नामांकन वापसी करने का अधिकार होता है।

संसद में साबित करना होगा बहुमत

संसद में साबित करना होगा बहुमत

चुनाव के दिन स्पीकर उम्मीदवारों के नाम पढ़कर सुनाएंगे। यदि चुनाव लड़ने वाला केवल एक उम्मीदवार है, और उसके पास नेशनल असेंबली में बहुमत है, तो फिर स्पीकर उन्हें निर्वाचित घोषित कर देगा। और यदि चुनाव लड़ने वाला उम्मीदवार नेशनल असेंबली की कुल सदस्यता के बहुमत के वोटों को सुरक्षित करने में विफल रहता है, तो फिर सभी कार्यवाही नए सिरे से शुरू होगी। इस बीच, यदि दो या अधिक चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार हैं और यदि कोई भी उम्मीदवार पहले मतदान में इतना बहुमत हासिल नहीं करता है, तो दो सबसे अधिक मत प्राप्त करने वाले उम्मीदवारों के बीच दूसरा मतदान होगा। यदि सबसे अधिक मत प्राप्त करने वाले दो या दो से अधिक उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त मतों की संख्या समान है, तो फिर स्पीकर के मत से फैसला होगा।



Source link