‘मुझे एक लड़के से प्यार हो गया था’, 17 साल के छात्र ने ये लिखकर लगा ली फांसी, मम्मी पापा को कहा सॉरी

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Highlights

  • मुझे एक लड़के से प्यार हो गया था’
  • 17 साल के छात्र ने ये लिखकर लगा ली फांसी
  • मम्मी पापा को कहा सॉरी

Rajasthan News: ‘बस यही अपराध मैं हर बार करता हूं, आदमी हूं आदमी से प्यार करता हूं’ इस गाने के बोल ‘नीरज’ गोपालदास सक्सेना ने ज़रूर इंसानियत को लेकर लिखा है। लेकिन इस बोल के दूसरे लाइन में ‘आदमी हूं आदमी से प्यार करता हूं’ के कई और मायने भी निकलते हैं। राजस्थान के कोटा में एक निजी कोचिंग संस्थान में पढ़ने वाले 17 साल के प्रथम जैन ने एक सुसाइड नोट लिख कर आत्महत्या कर ली। प्रथम ने अपने इस सुसाइड नोट में कई चीजें लिखीं, लेकिन एक बात जिसने सबका ध्यान खींचा वो ये थी कि वह अपने एक लड़के दोस्त से सच्चा प्यार करता था। उसने सुसाइड नोट में साफ-साफ लिखा है कि उसका प्यार झूठा नहीं था. और उसने अपने मम्मी पापा को सॉरी भी बोला है। 

बचपन के दोस्त से करता था प्यार

मृतक प्रथम जैन अपने बचपन के दोस्त भव्य से प्यार करता था। उसने अपने सुसाइड नोट में भी यही लिखा है। इसके साथ उसने लिखा है कि वह अपने माता-पिता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका। प्रथम ने लिखा की आपका बेटा बहुत लड़ा, लेकिन हार गया। उसने लिखा मुझ पर इतना पैसा बर्बाद करने के लिए सॉरी मम्मी पापा। अब से सिर्फ चूचू की पढ़ाई का खर्च लगेगा। 

मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा का था छात्र

17 साल का प्रथम जैन मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले का रहने वाला था। वह पिछले दो महीनों से कोटा में रहकर पढ़ाई कर रहा था। यहां वह इंजीनियरिंग की तैयारी कर रहा था। मामले में बताया गया कि सुबह 10 बजे प्रथम ने अपने दोस्तों से बातचीत की थी और साथ में खाना भी खाया था। इसके बाद सब अपने-अपने कमरों में चले गए थे। लेकिन जब काफी देर तक प्रथम अपने कमरे से बाहर नहीं आया तो बाकी छात्रों ने पहले वार्डन को बताया फिर पुलिस को बुलाया गया। पुलिस ने जब दरवाजा खोला तो प्रथम फंदे से लटका हुआ था। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में ले लिया है और मामले की जांच चल रही है।

वार्डन की भी लापरवाही बताई जा रही है

जवाहर नगर थाने के सीआई रामकिशन ने इस पूरे मामले पर कहा कि पहली नजर में यह आत्महत्या का मामला लगता है, लेकिन हम इस मामले की पूरी जांच करने के बाद ही नतीजे पर पहुंच सकते हैं। वहीं दूसरी ओर वार्डन की लापरवाही पर भी सवाल उठ रहे हैं, छात्रों का कहना है कि वार्डन ने शुरूआत में प्रथम के काफी देर से दरवाजा ना खोलने की बात को गंभीरता से नहीं लिया।





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