सैंकड़ों साल पहले यहां चट्टानों के नीचे होता था घर का निर्माण, खास वजह से बनाया जाता था छुपने का ठिकाना!

anti pirate house in greece island


जब से मानवता का विकास हुआ, लोग अपनी जमीन या इलाकों को छोड़कर दूसरी जमीनों की तलाश में निकल गए. एक जगह आबादी बढ़ जाने के बाद उन्हें खाने और संसाधन की कमी होने लगी जिसकी वजह से उन्हें नई जगहें ढूंढनी पड़ी. ऐसे में वो दूसरों की जमीनों में जाकर लूटपाट करते, और उन्हें वहां से खदेड़कर भगाते फिर उस जमीन को अपना बना लेते. ऐसा ही कुछ ग्रीस के एक आइलैंड (Island in Greece with secret houses) पर भी लंबे वक्त तक होता आया पर आइलैंड (Anti-pirate house on island) के लोगों ने छुपने का ऐसा तरीका खोजा कि उन्हें कोई ढूंढ ही नहीं पाता था और लंबे वक्त तक वो यूं ही जिंदगी बिताते रहे.

हम बात कर रहे हैं ग्रीस के इकारिया आइलैंड (Ikaria island) की जो एजियन सागर (Aegean Sea) में स्थित है. ऑडिटी सेंट्रल वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार एजियन सागर के इकारिया और अन्य आइलैंड में समुद्री लुटेरों (Pirate attack on house in Greece island) की परेशानी काफी पुरानी है. 1 सदी से ही यहां लुटेरे आते थे और लोकल लोगों को मारकर या परेशान कर के उनके सामान चुरा ले जाते थे. रोमन और बायजंटाइन साम्राज्य में भी रेड होती रही. जब ये आइलैंड ओटोमन साम्राज्य के अंतर्गत आया, तब यहां के मूल निवासियों ने तय किया कि वो समुद्री लुटेरों की समस्या से निजात पाने की कोशिश करेंगे.

समुद्री लुटेरों से बचने के लिए चट्टानों के नीचे बना लेते थे घर
वो लड़ाके नहीं थे, इसलिए लुटेरों से दो-दो हाथ कर पाना उनके बस की बात नहीं थी पर उन्होंने एक नया विकल्प खोज लिया. यहां के लोकल लोग आइलैंड के तटीय इलाकों को खाली कर के पहाड़ी इलाकों पर, यानी जंगल के और अंदर चले गए और वहां विशाल चट्टानों के नीचे अपने घर बना लिया. ऐसा करने से छलावरण की स्थिति पैदा होने लगी. समुद्र में तैरती लुटेरों की शिप लोगों को देख ही नहीं पाती थी और इस तरह वो आसानी से लुटेरों से बच जाते थे.

एंटी पाइरेट घर के नाम से हैं फेमस
इकारिया आइलैंड पर बने घरों को एंटी-पाइरेट घर कहा जाता है. ये बड़ी-बड़ी चट्टानों की ओठ में, या ठीक उनकी नीचे बनाए जाते थे. घरों को तभी देखा जा सकता था जब उनके सामने से निकला जाए. दूर से या पहाड़ की ऊपरी चोटी से घरों को देखना लगभग नामुमकिन हुआ करता था, हालांकि, ये उतने आरामदेह नहीं होते थे, जितने तट पर बने घर थे पर खुद की जान बचाने के लिए लोकल लोगों ने इन घरों को ही चुना था. यहां रहने वाले लोग एक दूसरे से रात के वक्त ही मिला करते थे और रात के समय आग नहीं जलाते थे जिससे उन्हें दूर से कोई देख ना ले. इसके अलावा वो कुत्ते भी नहीं पालते थे ताकि उनके भौंकने से कोई लोगों के होने का पता ना लगा ले. पाइरेट एरा के नाम से प्रसिद्ध लगभग 3 दशक तक यहां लोग रहते थे.

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