![Hijab Controversy: हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोईट के फैसले की 4 बड़ी बातें 1 hijab 1647324861](https://resize.indiatv.in/resize/newbucket/715_-/2022/03/hijab-1647324861.jpg)
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Hijab Controversy
Highlights
- कर्नाटक हाईकोर्ट में चल रही थी हिजाब विवाद पर सुनवाई
- कोर्ट ने कहा हिजाब पहनना इस्लाम में जरूरी नहीं
- स्कूल और कॉलेज को अपनी ड्रेस कोड तय करने का पूरा अधिकार है
दिल्लीः कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिजाब विवाद पर आज अपना फैसला सुना दिया है। इस मामले में हाईकोर्ट की पूर्ण पीठ ने पिछले महीने ही अपनी सुनवाई पूरी कर ली थी। कर्नाटक हाईकोर्ट में उडुपी की लड़कियों ने एक याचिका दायर की थी। इस पर 9 फरवरी को चीफ जस्टिस रितु राज अवस्थी, जस्टिस कृष्णा एस दीक्षित और जस्टिस जेएम खाजी की बेंच का गठन किया गया था। लड़कियों ने याचिका दायर कर मांग की थी कि उन्हें क्लास के अंदर भी हिजाब पहनने की अनुमति दी जानी चाहिए, क्योंकि यह उनकी आस्था का हिस्सा है। हिजाब विवाद पर हाईकोर्ट के फैसले से पहले राज्य सरकार ने राजधानी बेंगलुरु में सार्वजनिक शांति और व्यवस्था बनाए रखने के लिए बड़ी सभाओं पर एक हफ्ते के लिए प्रतिबंध लगा दिया है। हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट के फैसले की चार बड़ी बातें इस प्रकार से है-
1. कर्नाटक हाईकोर्ट ने कक्षा में हिजाब पहनने की अनुमति मांगने के संबंध में मुसलमान लड़कियों द्वारा दायर याचिकाएं खारिज कर दीं। हाईकोर्ट ने कहा, क्लास रूम के अंदर कोड ऑफ कंडक्ट जरूरी है। क्लास रूम के बाहर छात्र चाहे कोई भी ड्रेस पहने लेकिन क्लास रूम में स्कूल-कॉलेज के ड्रेस कोड को मान्यता दी जाए। स्कूल और कॉलेज को अपनी ड्रेस कोड तय करने का पूरा अधिकार है।
2. कर्नाटक हाईकोर्ट ने हिजाब विवाद पर अपना फैसला सुनाते हुए कहा कि मुसलमान महिलाओं का हिजाब पहनना इस्लाम धर्म में आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है। हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार के पास आदेश जारी करने की शक्ति है।
3. कोर्ट ने कहा कि इस विवाद से जुड़े प्रतिवादी के खिलाफ किसी तरह की अनुशासनात्मक जांच को लेकर अबतक इस तरह की कोई तैयारी नहीं है।
4. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि स्कूल में यूनिफार्म पहनने के लिए बाध्य करना ठीक है। छात्र इसका विरोध नहीं कर सकते।
कैसे शुरू हुआ हिजाब-विवाद
कर्नाटक में हिजाब को लेकर विवाद की शुरुआत जनवरी में हुई थी। यहां उडुपी के एक सरकारी कॉलेज में 6 छात्राओं ने हिजाब पहनकर कॉलेज में एंट्री ली थी। कॉलेज प्रशासन ने छात्राओं को हिजाब पहनने के लिए मना किया था, लेकिन वे फिर भी पहनकर आ गई थीं। इसके बाद लड़कियों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कॉलेज प्रशासन के खिलाफ विरोध दर्ज किया था।
इसके विवाद कर्नाटक से लेकर पूरे देशभर में हिजाब को लेकर विवाद शुरू हुआ। स्कूलों में हिजाब के समर्थन और विरोध में प्रदर्शन किए गए। यहां तक कि मामला सड़क से सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया।
कर्नाटक सरकार ने यूनिफॉर्म को लेकर किया था फैसला
विवाद को देखते हुए कर्नाटक सरकार ने स्कूल- कॉलेज में यूनिफॉर्म को अनिवार्य करने का फैसला किया था। इसके तहत सरकारी स्कूल और कॉलेज में तो तय यूनिफॉर्म पहनी ही जाएगी, प्राइवेट स्कूल भी अपनी खुद की एक यूनिफॉर्म चुन सकते हैं।
अगले आदेश तक धार्मिक पोशाक पर लगी है रोक
हिजाब पर रोक को लेकर कुछ छात्रों ने कर्नाटक हाईकोर्ट का रुख किया था। लेकिन हाईकोर्ट की सिंगल बेंच ने इसे तीन जजों की बेंच में ट्रांसफर कर दिया। कोर्ट ने सुनवाई के दौरान अगले आदेश तक स्कूल कॉलेजों में धार्मिक पोशाक पहनने पर रोक लगा दी थी।