सरकार ने टीवी चैनलों,  OTT प्लेटफॉर्म्स को सट्टेबाजी के विज्ञापन बंद करने की दी चेतावनी

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पिछले कुछ महीनों से टीवी चैनलों और OTT प्लेटफॉर्म्स पर विदेश की बेटिंग या सट्टेबाजी से जुड़ी साइट्स या इनसे जुड़े विज्ञापनों से लोगों को नुकसान के खतरे के कारण केंद्र सरकार ने इसे लेकर सख्त रवैया अपनाया है। इनफॉर्मेशन एंड ब्रॉडकास्टिंग मिनिस्ट्री ने इस बारे में दो एडवाइजरी जारी की हैं जिनमें टीवी चैनलों और OTT प्लेटफॉर्म्स को विदेशी बेटिंग साइट्स या इन साइट्स से जुड़े विज्ञापन नहीं दिखाने के लिए कहा गया है।

इससे पहले जून में मिनिस्ट्री ने एडवाइजरी जारी कर समाचार पत्रों, प्राइवेट टीवी चैनलों और डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स को ऑनलाइन बेटिंग प्लेटफॉर्म्स के विज्ञापन नहीं दिखाने को कहा था। टेलीविजन पर बहुत से स्पोर्ट्स चैनल और OTT प्लेटफॉर्म्स ऑफशोर ऑनलाइन बेटिंग साइट्स या उनसे जुड़ी अन्य वेबसाइट्स के विज्ञापन दिखा रहे हैं। मिनिस्ट्री की ओर से सोमवार को जारी एडवाइजरी में इस तरह के विज्ञापनों के सबूत भी दिए गए हैं। इनमें Fairplay, PariMatch, Betway और Wolf 777 जैसे विदेशी बेटिंग प्लेटफॉर्म्स के विज्ञापन शामिल हैं। 

मिनिस्ट्री ने कहा है कि देश के अधिकतर हिस्सों में बेटिंग और गैंबलिंग गैर कानूनी गतिविधियां हैं। इस वजह से इनसे जुड़े विज्ञापनों पर रोक है। मिनिस्ट्री का कहना है कि ये बेटिंग प्लेटफॉर्म्स या इससे जुड़े वेबसाइट्स देश में किसी कानूनी अथॉरिटी के तहत रजिस्टर्ड नहीं हैं। ऐसी वेबसाइट्स न्यूज की आड़ लेकर गलत तरीके के इस्तेमाल से बेटिंग और गैंबलिंग को बढ़ावा दे रही हैं। प्राइवेट सैटेलाइट टेलीविजन चैनलों के लिए जारी एक अलग एडवाइजरी में मिनिस्ट्री ने कहा है कि कुछ ऑनलाइन ऑफशोर बेटिंग प्लेटफॉर्म्स ने न्यूज वेबसाइट्स का इस्तेमाल टीवी चैनलों पर अपने बेटिंग प्लेटफॉर्म्स के विज्ञापन के लिए शुरू कर दिया है। 

केबल टीवी नेटवर्क रेगुलेशन एक्ट के तहत ऐडवर्टाइजिंग कोड में बेटिंग प्लेटफॉर्म्स के विज्ञापनों को एक गैर कानूनी गतिविधि माना गया है और इस तरह के विज्ञापनों को टीवी चैनलों पर नहीं दिखाया जा सकता। मिनिस्ट्री ने टीवी चैनलों, डिजिटल न्यूज पब्लिशर्स और OTT प्लेटफॉर्म्स को इसका पालन करने और ऐसे विज्ञापनों को नहीं दिखाने की सलाह दी है। इसे नहीं मानने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की चेतावनी दी गई है। ऐसी साइट्स के जरिए बहुत से लोगों को भारी वित्तीय नुकसान होने के मामले भी हुए हैं। इस वजह से सरकार ने इसे लेकर कड़ा रुख अपनाया है। 

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