![Gold bond scheme: सस्ता सोना खरीदने का मौका, चार किलो तक कर सकते हैं खरीदारी 1 pic](https://navbharattimes.indiatimes.com/photo/msid-93665580,imgsize-39884/pic.jpg)
नई दिल्ली: सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) योजना में निवेशक 22 अगस्त से फिर निवेश कर सकेंगे। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि 2022-23 की दूसरी सीरीज के तहत स्वर्ण बॉन्ड योजना खरीद के लिए 22 अगस्त से 26 अगस्त के दौरान उपलब्ध होगी। इसके लिए निर्गम मूल्य 5,197 रुपये प्रति ग्राम रखा गया है। सोने की फिजिकल डिमांड को कम करने के इरादे से सबसे पहले गोल्ड बॉन्ड योजना नवंबर, 2015 में लाई गई थी। बयान के अनुसार ऑनलाइन या डिजिटल माध्यम से स्वर्ण बांड के लिए आवेदन और भुगतान करने वाले निवेशकों के लिए निर्गम मूल्य 50 रुपये प्रति ग्राम कम होगा। इस तरह के निवेशकों के लिए स्वर्ण बांड का निर्गम मूल्य 5,147 रुपये प्रति ग्राम है।
केंद्रीय बैंक दरअसल भारत सरकार की तरफ से बॉन्ड जारी करता है। ये निवासी व्यक्तियों, अविभाजित हिंदू परिवार (एचयूएफ), न्यासों, विश्वविद्यालयों और धर्मार्थ संस्थाओं को ही बेचे जा सकते है। अभिदान की अधिकतम सीमा व्यक्तियों के लिए चार किलोग्राम, एचयूएफ के लिए चार किलोग्राम और न्यासों तथा समान संस्थाओं के लिए 20 किलोग्राम प्रति वित्त वर्ष है। सोने की भौतिक मांग को कम करने के इरादे से सबसे पहले गोल्ड बांड योजना नवंबर, 2015 में लाई गई थी।
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क्या है फायदा
SGB की मैच्योरिटी आठ साल होती है, जबकि निवेश करने के बाद कम से कम पांच साल तक आप इसे बेच नहीं सकते। मतलब इसका लॉक इन पीरियड पांच साल है। SGB में फिजिकल गोल्ड की तरह सेफ स्टोरेज का झंझट नहीं रहता है। एसजीबी में निवेश करना अधिक सुरक्षित है, फिजिकल गोल्ड के मामले में चोरी, उसकी प्योरिटी और सेफ लॉकर की कमी जैसी दिक्कतें हमेशा बनी रहती है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को कोलैटरल के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड को स्टॉक एक्सचेंज में आसानी से ट्रेड कर सकते हैं। गोल्ड खरीदने में कोई जीएसटी और मेकिंग चार्ज नहीं लगता है।
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