![Global Hunger Index 2022: बच्चों में ऊंचाई के हिसाब से कम वजन में भारत में सबसे ज्यादा, 'गंभीर' है भूख का स्तर 1 pic](https://navbharattimes.indiatimes.com/photo/msid-94880600,imgsize-118276/pic.jpg)
भारत, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में बच्चों में नाटापन की दर (चाइल्ड स्टंटिंग रेट) 35 से 38 फीसदी के बीच है और क्षेत्र में अफगानिस्तान में यह दर सबसे अधिक है। भारत में अल्पपोषण की व्यापकता 2018-2020 में 14.6 प्रतिशत से बढ़कर 2019-2021 में 16.3 हो गयी है। इसका मतलब है कि दुनियाभर के कुल 82.8 करोड़ में से भारत में 22.43 करोड़ की आबादी अल्पपोषित है। पांच साल की आयु तक के बच्चों में मृत्यु दर के सबसे बड़े संकेतक ‘चाइल्ड वेस्टिंग’ की स्थिति भी बदतर हुई है। 2012-16 में 15.1 प्रतिशत से बढ़कर 2017-21 में यह 19.3 प्रतिशत हो गया है।
जीएचआई ने कहा, ‘अनुसंधानकर्ताओं ने चार भारतीय राज्यों छत्तीसगढ़, गुजरात, ओडिशा और तमिलनाडु में 2006 से 2016 के बीच नाटेपन की स्थिति में गिरावट के लिए जिम्मेदार कारकों की पड़ताल की।’ रिपोर्ट में कहा गया है कि अनुसंधानकर्ताओं ने पाया कि स्वास्थ्य एवं पोषण की स्थिति, घरेलू स्थिति (जैसे कि सामाजिक-आर्थिक स्थिति एवं खाद्य सुरक्षा) और मातृत्व कारक (जैसे कि माताओं का स्वास्थ्य और शिक्षा) में सुधार आने के कारण नाटेपन की दर में गिरावट आयी।
जीएचआई ने कहा कि दुनिया संघर्ष, जलवायु संकट और यूक्रेन में युद्ध के साथ ही कोविड-19 महामारी के आर्थिक परिणामों के साथ भूख को खत्म करने के प्रयासों में गंभीर चुनौती का सामना कर रही है। रिपोर्ट में आगाह किया गया है कि वैश्विक संकट के बढ़ने पर हालात और बिगड़ सकते हैं। इसमें कहा गया है, ‘संभावित समाधान और आवश्यक निवेश का पैमाना ज्ञात और परिमाणित है। इसके बजाय, समस्या नीति के क्रियान्वयन में है और दुनिया में राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी है।’
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ग्लोबल हंगर इंडेक्स 2022: पूरी लिस्ट देखिए
भूख सूचकांक में भारत की स्थिति को लेकर सामाजिक कार्यकर्ताओं और नेताओं ने सरकार पर निशाना साधा है। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के वरिष्ठ नेता सीताराम येचुरी ने कहा कि सरकार को 8.5 वर्ष में भारत को अंधकार के इस युग में लाने की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। उन्होंने ट्वीट किया, ‘2014 के बाद से वैश्विक भूख सूचकांक में भारत की खतरनाक, तेज गिरावट। मोदी सरकार भारत के लिए विनाशकारी है। ‘बफर स्टाक’ से ऊपर बेहद कम खाद्य भंडार की वजह से महंगाई बढ़ रही है। 8.5 वर्ष में भारत को अंधकार के इस युग में लाने की जिम्मेदारी सरकार को लेनी चाहिए।’
कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम ने कहा, ‘माननीय प्रधानमंत्री बच्चों में कुपोषण, भूख, नाटेपन और ‘चाइल्ड वेस्टिंग रेट’ जैसे वास्तविक मुद्दों से कब निपटेंगे? भारत में 22.4 करोड़ लोगों को अल्पपोषित माना जा रहा है।’ उन्होंने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘2014 के बाद से मोदी सरकार के आठ वर्ष में हमारा ‘स्कोर’ खराब हुआ है, 16.3 प्रतिशत भारतीय अल्पपोषित हैं जिसका मतलब है कि उन्हें पर्याप्त भोजन नहीं मिलता है। हिंदुत्व, हिंदी थोपना और नफरत फैलाना भूख मिटाने की दवा नहीं है।’