Fridge import ban: टीवी और एसी के बाद अब रेफ्रिजरेटर के आयात पर लगेगी रोक, जानिए किन कंपनियों को होगा फायदा

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नई दिल्ली: एसी (AC) के बाद सरकार अब रेफ्रिजरेटर के आयात (refrigerator import) पर भी बैन लगाने पर विचार कर रही है। इसका मकसद देश में फ्रिज के निर्माण को बढ़ावा देना है। देश में फ्रिज का मार्केट पांच अरब डॉलर का है। लेकिन सैमसंग (Samsung) और एलजी (LG) जैसी विदेशी कंपनियां बड़ी संख्या रेफ्रिजरेटर का आयात करती हैं। जानकारों के मुताबिक सरकार फ्रिज का आयात इंपोर्ट करने के लिए लाइसेंस लेना जरुरी कर सकती है। फिलहाल कंपनियां फ्री-इंपोर्ट व्यवस्था (Free Import Regime) के तहत रेफ्रिजरेटर आयात करती हैं। लेकिन सरकार अब इस व्यवस्था को बदलने पर विचार कर रही है। जल्द ही इस पर फैसला लिया जा सकता है। इससे टाटा ग्रुप (Tata Group) और गोदरेज (Godrej) जैसी कंपनियों को फायदा होगा।

सूत्रों के मुताबिक घरेलू रेफ्रिजरेटर इंडस्ट्री ने देश में विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए सरकार से इसके आयात पर बैन लगाने का आग्रह किया है। अगर रेफ्रिजरेटर को प्रतिबंधित लिस्ट में डाल दिया जाता है, तो आयातकों को इसके आयात के लिए सरकार से अनुमति या लाइसेंस प्राप्त करना होगा। सरकार से जुड़े एक सूत्र ने कहा कि हमें रेफ्रिजरेटर के आयात पर अंकुश लगाने के संबंध में उद्योग से एक प्रस्ताव मिला है।

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पांच अरब डॉलर का मार्केट
2020 में सरकार ने रेफ्रिजरेंट के साथ आने वाले एयर कंडीशनर (एसी) के आयात पर प्रतिबंध लगा दिया था। घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए ऐसा किया गया था। उद्योग के एक सूत्र ने कहा कि वे इस मुद्दे पर उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के फैसले का इंतजार कर रहे हैं। देश में भारत का रेफ्रिजरेटर का सालाना मार्केट पांच अरब डॉलर यानी करीब 40,000 करोड़ रुपये का है। इस सेक्टर में टाटा ग्रुप की वोल्टास (Voltas) और गोदरेज जैसी कंपनियां मौजूद हैं। आयात पर बैन लगने से इन कंपनियों को फायदा होगा।

देश के रेफ्रिजरेटर मार्केट में अभी एलजी और सैमसंग जैसी विदेशी कंपनियों का दबदबा है। भारत में सालाना 24 मिलियन रेफ्रिजरेटर बनाने की कैपिसिटी है। लेकिन देश में मांग केवल 15 मिलियन है। कंपनियां बड़ी संख्या में आयात करके इस मांग को पूरा करती हैं। सरकार आयात किए जाने वाले रेफ्रिजरेटर के आंकड़े जारी नहीं करती है लेकिन सूत्रों की मानें तो सैमसंग और एलजी जैसी कंपनियां हर साल हजारों महंगे रेफ्रिजरेटर्स आयात करती हैं।

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किन कंपनियों को होगा फायदा
सूत्रों के मुताबिक देश में महंगे रेफ्रिजरेटर्स की मांग बढ़ रही है। कोरोना काल के दौरान लॉकडाउन की पाबंदियों के कारण लोगों घरों में ही रहे जिस कारण ऐसे रेफ्रिजरेटर्स की बिक्री में उछाल आई। देश में रेफ्रिजरेटर की कुल बिक्री में आयात का हिस्सा पांच से छह फीसदी है। माना जा रहा है कि रेफ्रिजरेटर के आयात पर बैन लगाने से मोदी सरकार के मेक इन इंडिया मिशन को बूस्ट मिलेगा।

सरकार पहले ही एसी और टीवी के आयात पर भी बंदिशें लगा चुकी है। अगर मोदी सरकार रेफ्रिजरेटर के आयात पर बैन लगाती है तो इससे घरेलू मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों को फायदा पहुंचेगा। इसमें वोल्टास (Voltas), गोदरेज अप्लायंसेज (Godrej Appliances) और हैवल्स इंडिया लिमिटेड (Havells India Ltd) शामिल हैं।



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