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oi-Mukesh Pandey
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नई दिल्ली, 09 मार्च। नई दिल्ली, 09 मार्च। पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी हत्याकांड मामले में 32 साल से सजा काट रहे ए जी पेरारिवलन की जमानत याचिका को मंजूरी मिल गई है। सर्वोच्च अदालत ने अपने अंतरिम आदेश में कहा कि केंद्र की ओर से पेरारिवलन की जमानत का कड़ा विरोध किया गया था, लेकिन पिछले 30 वर्षों से वे जेल में है। उनके व्यवहार को देखते हुए वह जमानत का हकदार है।
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सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एल. नागेश्वर राव और जस्टिस बी. आर. गवई की पीठ ने ए जी पेरारिवलन की याचिका पर सुनवाई की। सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट की ओर से कहा गया कि दोषी ए जी पेरारिवलन 30 वर्ष से जेल में है। उसे इससे पहले पैरोल दी जा चुकी है। इस दौरान जेल और बाहर दोनों उसके व्यवहार देखे गए।कोर्ट ने कहा कि हालाकि केंद्र सरकार पेरारिवलन की जमानत का जोरदार तरीके से विरोध कर रही है, इसके बावजूद वह जमानत का हकदार है।
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पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या 21 मई, 1991 को तमिलनाडु में हुई थी। देश की यह पहली घटना थी जब देश के किसी लोकप्रिय नेता की हत्या आत्मघाती विस्फोट के जरिए की गई थी। तमिलनाडु के श्रीपेरुम्बदुर जब वे एक चुनावी रैली संबोधित कर रहे थे तो आत्मघाती विस्फोट के जरिए उनकी हत्या कर दी गई थी। आत्मघाती महिला की पहचान धनु के रूप में हुई थी। उच्चतम न्यायालय पेरारिवलन की उस याचिका पर सुनाई कर रहा था जिसमें ए जी पेरारिवलन की ओर से एमडीएमए जांच पूरी होने तक उनकी उम्रकैद की सजा निलंबित करने की मांग की गई है।
मई 1999 में जारी आदेश में राजीव गांधी हत्याकांड के चारों दोषियों नलिनी, मुरुगन, संथन और पेरारिवलन मौत की सजा बरकरार रखी गई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने 18 फरवरी 2014 को तीन दोषियों मुरुगन, संथन और पेरारिवलन के मृत्युदंड को कम करके उम्रकैद में बदल दिया था.
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2016 में दायर हुई थी विशेष याचिका
ए जी पेरारिवलन की ने 2016 में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इससे पहले उनकी दया याचिका राज्यपाल के समक्ष लंबित थी। उन्होंने अपनी दया याचिका पर जल्द फैसले के लिए कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। राज्यपाल ने गत वर्ष मामले को राष्ट्रपति के पास भेजने का फैसला किया। जिसके बाद इसमामले को दो बार स्थगित किया गया। कोर्ट ने 7 दिसंबर को केंद्र को पेरारिवलन की दया याचिका पर निर्णय सुनाने का निर्देश दिया था।
English summary
sc granted bail convict of rajeev gandhi murder case ag perarivalan
Story first published: Wednesday, March 9, 2022, 19:16 [IST]