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![पहली बार मुस्लिमों ने ही गिराया मदरसा, अल कायदा से जुड़े थे तार 2 The demolition of Markjul Ma-Arif Quariana Madrasa- India TV Hindi News](https://resize.indiatv.in/resize/newbucket/905_509/2022/09/madrsa-1662626970.jpg)
The demolition of Markjul Ma-Arif Quariana Madrasa
Highlights
- मदरसे में आतंकी गतिविधियां हो रही थीं संचालित
- अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों ने ही ढहाया मदरसा
- मदरसा गिराने में प्रशासन की नहीं है भूमिका
Assam News: असम के गोलपारा में पहली बार मुसलमानों ने ही एक मदरसे को ढहा दिया। लोगों को इस बात का पता लगा था कि मदरसे की आड़ में यहां आतंकी गतिविधियां चल रही हैं। जिसके बाद भड़के लोगों ने मदरसे को गिरा दिया। मिली जानकारी के मुताबिक इस मदरसे के एक शिक्षक को अल-कायदा के साथ कथित संबंधों के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, जबकि उसके दो अन्य साथी फरार बताए जा रहे हैं।
मदरसा गिराने में प्रशासन की नहीं है भूमिका
दरअसल इस मदरसे के एक शिक्षक को अल-कायदा के साथ कथित संबंधों के आरोप में गिरफ्तार किया गया है, जबकि उसके दो अन्य साथी फरार बताए जा रहे हैं। वहीं इस मामले में पुलिस का कहना है कि हमें मदरसे को ढहाए जाने की पहले से कोई जानकारी नहीं थी। मदरसा गिराए जाने को लेकर पुलिस ने बताया कि इसमें हमारा कोई योगदान नहीं है। एसपी वीवी राकेश रेड्डी ने कहा कि हमें इस बारे में कोई भी जानकारी नहीं थी और न ही जिला प्रशासन इसमें शामिल था।
जानकारी देते हुए एसपी रेड्डी ने कहा कि जिस आरोपी जलालुद्दीन शेख को गिरफ्तार किया गया है, उसने साल 2020 से अलग-अलग समय पर दो बांग्लादेशी नागरिकों को मदरसे के टीचर के रूप में नियुक्त किया था। इनके नाम अमीनुल इस्लाम उर्फ उस्मान और जहांगीर आलम हैं। वहीं अभी भी दोनों फरार बताए जा रहे हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस कोशिश कर रही है।
सीएम हिमंत ने की थी अपील
दरअसल, सीएम हिमंत विश्व शर्मा ने मदरसों को गिराने को लेकर अपना रुख साफ किया था। सीएम ने कहा था कि आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने वाले ये मदरसे हमारे राज्य के भविष्य के लिए बड़ा खतरा हैं। इसके साथ ही सीएम ने लोगों से अपील भी की थी कि लोग अपने आसपास इस प्रकार से चल रहे प्रतिष्ठानों पर नजर बना कर रखें।
माना जा रहा है कि गोलपारा में मदरसा गिराया जाना लोगों की जागरूकता का ही एक जीता जागता नमूना है, जहां इससे भड़के लोगों ने मदरसे को गिराने का खुद ही फैसला ले लिया। मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने लोगों से अपील करते हुए कहा था कि अधिकारियों को आतंकियों की पहचान करने में मदद करें। उन्होंने स्थानियों से बाहरी लोगों पर नजर रखने के लिए कहा था, जो कि मस्जिदों में इमाम या मदरसों में शिक्षक के रूप में छिपे आतंकवादी हो सकते हैं।
सरकार गिरा चुकी है पहले ही 3 मदरसे
इस्लामिक मदरसों के खिलाफ राज्य सरकार की कार्रवाई के बाद यह चौथा मदरसा था, जो कि ढहाया गया। इससे पहले आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के पुख्ता सबूत मिलने पर सरकार पहले ही तीन मदरसों को गिरा चुकी है। अधिकारियों के मुताबिक, अल-कायदा जैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी समूहों के प्रति निष्ठा के कारण जिहादी तत्वों के लिये मदरसा एक केंद्र बन गया है।
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