Electric Vehicle : इस वजह से ईवी की लगातार बढ़ रही सेल, जानिए आपको इलेक्ट्रिक कार खरीदनी चाहिए या पेट्रोल-डीजल

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नई दिल्लीः देश में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (Electric Vehicle) की सेल लगातार बढ़ रही है। लोग अब ईवी (EV) खरीदना ज्यादा पसंद कर रहे हैं। पिछले पांच महीनों के आंकड़े बताते हैं कि ईवी की सेल में तेजी से इजाफा हो रहा है। कार कंपनियों को उम्मीद है कि इस फाइनेंशियल ईयर में ईवी की बिक्री एक मिलियन यूनिट के आंकड़े को पार कर जाएगी। अगर बीते साल की तुलना में देखें तो ये 84 फीसदी ज्यादा है। ईवी की दौड़ में टू-व्हीलर भी शामिल हैं। आंकड़े बताते हैं कि दोपहिया वाहनों की सेल 117 प्रतिशत तक बढ़कर 750,000 यूनिट तक पहुंच गई है। जबकि तिपहिया वाहन 12 प्रतिशत बढ़कर 200,000 यूनिट तक पहुंच गए हैं। ईवी सेगमेंट (Electric Vehicle) में टाटा मोटर्स और एमजी मोटर्स दो प्रमुख कंपनियां सामने आई हैं। इनकी सेल 138 फीसदी तक बढ़ गई है। आखिर भारत में ईवी की मार्केट लगातार क्यों बढ़ रही है और आपके लिए कौन सी ईवी या पेट्रोल कौन सी कार खरीदना फायदे का सौदा रहेगाए चलिए आपको बताते हैं।

ग्लोबल मार्केट के मुकाबले अभी काफी पीछे है भारत
ईवी सेग्मेंट में अगर ग्लोबल मार्केट को देखें तो अभी भारत (India) काफी पीछे है। ईवी में अभी देश को लंबा सफर तय करना बाकी है। ईटी में छपी खबर के मुताबिक ईवी टू-व्हीलर की बात करें तो ये कुल दोपहिया वाहनों का सिर्फ 3 प्रतिशत ही है। वहीं कार के मामलों में ईवी (EV) का योगदान महज एक प्रतिशत के करीब है।

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भारत में ईवी का बड़ा मार्केट
भारत के विपरीत अगर चीनी दोपहिया बाजार को देखें तो यहां बैटरी से चलने वाले इलेक्ट्रिक वाहनों (Electric Vehicle) की हिस्सेदारी 50 प्रतिशत तक है। कारों के मामले में ये 26 फीसदी है। जाटो डायनेमिक्स का अनुमान है कि यूरोप और अमेरिका में इलेक्ट्रिक कारों की हिस्सेदारी कुल बाजार में क्रमशः 11 प्रतिशत और 5 प्रतिशत है। हालांकि एक्सपर्टस का मानना है कि भारत आने वाले समय में ईवी का बड़ा बाजार बनेगा।

अगले 2 वर्षों में लाॅन्च होने वाले हैं कई ईवी वाहन
ईटी की खबर के मुताबिक, हीरो इलेक्ट्रिक के सीईओ सोहिंदर गिल को उम्मीद है कि अगले दो वर्षों में कई इलेक्ट्रिक टू व्हीलर लाॅन्च होंगे। साल 2022 में देखें तो चीन में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री 94 फीसदी तक बढ़ गई है। वहीं यूरोप में 30 फीसदी और यूएसए में 48 प्रतिशत बढ़ोतरी देखी गई है।

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ईवी या पेट्रोल कौन सी कार खरीदना रहेगा मुनाफे का सौदा
पेट्रोल-डीजल और ईवी कार में से कौन सी खरीदें इससे पहले ये समझ लीजिए कि इनकी कीमतों में कितना अंतर है। अभी बाजार में जो इलेक्ट्रिक व्हीकल आ रहे हैं उनकी कीमत काफी ज्यादा है। इस वजह से बहुत से लोगों के बजट से ये बाहर है। अगर एक सामान्य पेट्रोल-डीजल कार को देखें तो इसकी औसत कीमत 5 लाख रुपये तक है। वहीं एक इलेक्ट्रिक कार की कीमत 18 लाख या इससे ज्यादा है। हालांकि कंपनियां कम कीमत में इलेक्ट्रिक कार उतारने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि कार को चलाने में ईंधन का जो खर्च आता है, उस मामले में इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) काफी सस्ता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इलेक्ट्रिक कार का ईंधन खर्च डीजल पेट्रोल कारों की तुलना में आधा होगा, लेकिन इन कारों की चार्जिंग एक बड़ी दिक्कत है। वजह है कि अभी देश में प्रॉपर चार्जिंग स्टेशन नहीं बन पाए हैं। हालांकि सरकार इन दिशा में लगातार कोशिश कर रही है। अभी घर पर भी इलेक्ट्रिक कार को चार्ज करने में 6.7 घंटे का समय लगता है। अगर आप तेजी से कार को चार्ज करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको फास्ट चार्जर का प्रयोग करना पड़ेगा जिसे खरीदने के लिए आपको और पैसे खर्च करने पड़ेंगे।

बैटरी को रिप्लेस करने में आएगा इतना खर्चा
मेंटेनेंस के मामले में इलेक्ट्रिक कार पर कम खर्च आता है। आम कारों में इंजन ऑयल, कूलेंट, ट्रांसमिशन फ्यूल को बदलने जैसे काम करने पड़ते हैं, लेकिन इलेक्ट्रिक कारों में ये सब खर्चे नहीं हैं, लेकिन इलेक्ट्रिक कार में उसकी बैटरी को लेकर खर्च है। अभी इलेक्ट्रिक कार का निर्माण अभी शुरुआती दौर में है इसलिए अनुमान लगाया जा रहा कि कारों की बैटरी की लाइफ 10 से 15 साल के बीच होगी। इसकी एक बैटरी को रिप्लेस करने में करीब 70 हज़ार से 1 लाख रुपये तक का खर्च आएगा।



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