![Edible Oil Price: रसोई में अब अच्छे से लग पाएगा जीरे का तड़का, सस्ता हुआ सरसों-सोयाबीन का तेल 1 Collage Maker 20 Jun 2022 10.57 AM](https://www.timesbull.com/wp-content/uploads/2022/06/Collage-Maker-20-Jun-2022-10.57-AM.jpg)
नई दिल्ली: भारत में बढ़ती महंगाई के बीच ग्रहणीओं के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है। दरअसल, देशभर में तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिल है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की मांग कमजोर होने के कारण तेल की कीमतों में गिरावट दर्ज हुई है। पिछले सप्ताह सरसों, सोयाबीन, मूंगफली, तेल-तिलहन तथा बिनौला, सीपीओ, पामोलिन तेल की कीमतों में गिरावट आई है। वहीं अन्य तेल तिलहनों के भाव में कोई बदलाव नहीं हुआ है।
तेल की कीमतों में आई कमी
दरअसल, इंडोनेशिया में तेल पर एक्सपोर्ट खुलने और परमिट जारी किए जाने से विदेशी बाजारों में खाद्य तेल की कीमतों के भाव लगभग 20 फ़ीसदी मंदे हुए है। इसके साथ ही स्थानीय मांग में कमी के चलते भी तेल के भाव में गिरावट आई है।
आयातकों को हो रहा नुकसान
मीडिया रिपोर्ट की मानें तो पामोलिन तेल के मुकाबले अब आयातक कच्चे पाम तेल के आयात को प्राथमिकता दे रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि आयातकों को पामोलिन तेल का वो भाव नहीं मिल रहा है जिस भाव पर उन्होंने तेल खरीदा था। इससे उन्हें बैंक कर्ज चुकाने में भी दिक्कत हो रही है.
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जाने तेल के भाव
-सरसो दाने का भाव 75 रुपये घटकर 7440-7490 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ।
-सरसो दादरी तेल 200 रुपये कम होकर 15,100 रुपये क्विंटल पर बंद हुआ।
-सरसो पक्की घानी और कच्चे धानी तेल की कीमतों में 30-30 रुपये की कमी आई, जिसके बाद सरसों पक्के घानी 2,405 और कच्ची धानी तेल 2510 रुपये क्विंटल पर बंद हुआ।
सोयाबीन के भाव
-सोयाबीन दाने और लूज के थोक भाव 200-200 कम होकर क्रमशः 6450-6550 रुपये प्रति कुंटल पर बंद हुए।
मूंगफली तेल के भाव में भी आई गिरावट
– सीपीओ और पामोलिन में आई गिरावट के कारण सोयाबीन तेल के भाव में भी कमी आई है। सरसों की मंडियों में आवक कम है, पर मांग कमजोर होने से सरसों तेल तिलहन की कीमत में गिरावट आई। विदेशी तेलों के भाव घटने और मांग कमजोर होने से मूंगफली तेल-तिलहनों के भाव में भी गिरावट आई है।