![सिर्फ दफनाई या जलाई नहीं जाती हैं लाशें, दुनिया में इन अजीबोगरीब तरीकों से भी होता है अंतिम संस्कार 1 unique ways of burial 3 1](https://images.news18.com/ibnkhabar/uploads/2022/06/unique-ways-of-burial-3-1.jpg)
दुनिया में जो आया है उसे एक ना एक दिन जाना ही है. अपनों को खोने का गम काफी मुश्किल है लेकिन ये शाश्वत सत्य है कि हर कोई एक दिन चला जाएगा. चाहे कोई किसी का कितना भी करीबी क्यों ना हो, एक ना एक दिन दुनिया से चला ही जाता है. हर धर्म में मौत के बाद इंसान की बॉडी को ट्रीट (Ways To Bury Dead Bodies) करने का अलग-अलग तरीका है. हालांकि, हर तरीके के आखिर में मरने वाला मोक्ष में चला जाए, इसकी ही कामना की जाती है. लेकिन मोक्ष का ये रास्ता कई तरीकों से होकर गुजरता है.
भारत में कई धर्म के लोग रहते हैं. चाहे हिंदू हो, या मुस्लिम या फिर सिख-ईसाई. हर धर्म का अपना अलग तरीका और अपना अलग अंतिम संस्कार का धर्म होता है. इसमें लोगों की छह यही होती है कि उसे छोड़कर गया शख्स मोक्ष पा ले. लेकिन मोक्ष तक जाने का रास्ता हर किसी के लिए अलग-अलग होता है. हम बात कर रहे हैं इन धर्मों के अंतिम संस्कार के तरीकों के बारे में. ना सिर्फ भारत में, बल्कि पूरी दुनिया में ही लोग अपने प्रियजनों की मौत के बाद उनका अंतिम संस्कार करते हैं. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि हर धर्म में कैसे अलग-अलग तरीकों से किया जाता है अंतिम संस्कार.
स्काई ब्यूरियल
अंतिम संस्कार के इस तरीके को आज भी कई जगहों पर माना जाता है. इस प्रथा का चलन खासकर तिब्बत और मंगोलिया के इलाकों में किया जाता है. इसमें मरे लोगों की लाश को छोटे-छोटे टुकड़े में काटकर पहाड़ केऊपर या पेड़ के ऊपर टांग दिया जाता है. माना जाता है कि इससे आत्मा जल्दी स्वर्ग के द्वार पहुंच जाती है.
फामडीहाना
इस तरीके को मेडागास्कर के मलागासी लोग फॉलो करते हैं. इसमें मर चुके शख्स की लाश को पहले कब्र में दफनाया जाता है. इसके बाद कब्र से वापस निकाल कर लाश को साफ कपड़े पहनाए जाते हैं. उसके बाद सभी इसके आसपास डांस करते हैं. एक बार नृत्य हो जाता है तो उसे वापस दफना दिया जाता है
गला घोंटना
ये बेहद अजीब प्रथा है, जो अब सिर्फ पिछड़े इलाकों में ही फॉलो की जाती है. इसमें मरने वाले शख्स के किसी करीबी शख्स का गला घोंट कर उसकी जान ले ली जाती थी. इसके पीछे तर्क ये है कि इंसान को दुनिया से अकेला नहीं जाने दिया जाना चाहिए. इस कारण उसके किसी प्रियजन को मारकर साथ विदा दिया जाता था.
लटके ताबूत
इस तरीके को चीन के राजवंशों में अपनाया जाता था. इसमें मौत के बाद लाशों को ताबूत में भरकर पहाड़ की चोटी पर रखा जाता था. इसके पीछे तर्क था कि अगर मौत के बाद आकाश के करीब लाश रखी गई, तो इसे आसानी से स्वर्ग मिल जाएगा.
गिद्धों को भोजन
पारसी समुदाय में आज भी इस तरीके को अपनाया जाता है. इसमें लोग अपने प्रियजन की मौत के बाद उसकी डेड बॉडी को नहलाकर धार्मिक स्थल के पास फेंक देते हैं. ताकि गिद्ध उन्हें कह ले. इसके पीछे तर्क है कि मौत के बाद इंसान को अपना शरीर त्याग देना चाहिए. गिद्ध इंसान की इसमें मदद करते हैं.
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FIRST PUBLISHED : June 26, 2022, 07:15 IST