कांग्रेस हाईकमान ने लगाई फटकार तो बदल गए गहलोत गुट के विधायकों के सुर, जानें क्या कहा

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Rajasthan Political Crisis- India TV Hindi News

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Rajasthan Political Crisis

Highlights

  • कांग्रेस हाईकमान की फटकार से बदले गहलोत गुट के विधायकों के सुर
  • शेर जब जंगल मे दौड़ता है तो सारे गीदड़ इकट्ठा हो जाते हैं: पायलट गुट के विधायक
  • सचिन पायलट को लेकर बोले महेश जोशी, ‘उनका लॉयलटी टेस्ट किया जाना चाहिए’

Rajasthan Political Crisis: राजस्थान में सियासी हंगामा मचा हुआ है। एक तरफ सीएम अशोक गहलोत का मजबूत खेमा है, तो दूसरी तरफ सचिन पायलट का खेमा भी अपने नेता के लिए जोरों से आवाज उठा रहा है। इस बीच एक बड़ी खबर सामने आई है कि कांग्रेस हाईकमान की फटकार के बाद गहलोत खेमे के इस्तीफा देने वाले विधायकों के सुर बदलने लगे हैं। अब इन इस्तीफा देने वाले विधायकों का कहना है कि उन्हें हाईकमान का हर फैसला मंजूर है। संदीप यादव गहलोत की सरकार बचाने में बहुत महत्वपूर्ण हैं और वह अब हाईकमान का फैसला मंजूर करने की बात कर रहे हैं। 

शेर जब जंगल मे दौड़ता है तो सारे गीदड़ इकट्ठा हो जाते हैं: पायलट गुट के विधायक 

पायलट गुट के विधायक इन्द्रराज गुर्जर ने सचिन पायलट को लेकर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पायलट ‘बाहरी’ नहीं ‘भारी’ हैं। वह प्रदेश और देश की जनता के चहेते हैं। प्रकृति का नियम है कि ताकतवर के खिलाफ कमजोरों का समूह बढ़ता है। शेर जब जंगल मे दौड़ता है तो सारे गीदड़ इकट्ठा हो जाते हैं, लेकिन शेर का मुकाबला नहीं कर पाते। 

सचिन पायलट को लेकर बोले महेश जोशी, ‘उनका लॉयलटी टेस्ट किया जाना चाहिए’

सचिन पायलट को लेकर राजस्थान सरकार में मंत्री महेश जोशी ने कहा कि उन्हें कोई महत्वपूर्ण भूमिका दिए जाने पर विचार किया जा रहा है तो पहले उनका लॉयलटी टेस्ट किया जाना चाहिए।

कमलनाथ के साथ मीटिंग में मौजूद नहीं थीं प्रियंका गांधी

सूत्रों के मुताबिक, राजस्थान में मचे सियासी हंगामे को लेकर कमलनाथ की मीटिंग में बीती रात प्रियंका गांधी मौजूद नहीं थीं। कमलनाथ आज मध्य प्रदेश के लिए रवाना होंगे। 

कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरना ने कही ये बात

कांग्रेस विधायक दिव्या मदेरना ने कहा है कि मैं आज से अब कोई भी आदेश चीफ व्हिप से नहीं लूंगी। पार्टी के खिलाफ षड़यंत्र हो रहा था। जब सीएलपी की मीटिंग बुलाई गई तो क्यों पहले मीटिंग घर पर रख ली गई। क्या वजह थी इस तरह से मीटिंग बुलाने की? शांति धारीवाल कौन होते हैं मीटिंग बुलाने वाले? हमने पहले भी जहर का घूंट पिया था। आलाकमान के प्रति निष्ठा है और इन बागियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।





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