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oi-Ankur Singh
गुवाहाटी, 25 मार्च। एनआरसी में जिन लोगों के नाम शामिल नहीं किए गए हैं उन्हें आधार कार्ड दिलाने के लिए असम सरकार ने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला लिया है। असम सरकार सुप्रीम कोर्ट से अपील करेगी कि वह केंद्र सरकार को निर्देश दे कि जिन लोगों का नाम एनआरसी में शामिल नहीं किया गया है उन्हें भी आधार कार्ड मुहैया कराया जाए। प्रदेश सरकार ने यह फैसला 27 संगठनों के साथ गुरुवार को हुई बैठक के बाद लिया है।
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बता दें कि असम में 2.7 मिलियन यानि 27 लाख लोगों का बायोमीट्रिक एनआरसी की प्रक्रिया में लिया गया था। जो लोग इसमें शामिल नहीं किया गए हैं, इन लोगों का बायोमेट्रिक लॉक है क्योंकी कागजों के आधार पर इनकी पहचान नहीं हो सकी है। प्रदेश सरकार में मंत्री पिजूष हजारिका ने कहा कि इन 2.7 मिलियन लोग, जिनमें से कुछ स्वदेशी समुदायों के लोग भी शामिल हैं, मुफ्त चावल या आवास जैसी सरकारी योजनाओं से वंचित रह गए हैं क्योंकि उनके पास आधार कार्ड नहीं हैं। इसलिए सरकार और सभी 27 संगठन इस बात पर सहमत हुए कि उन्हें यह महत्वपूर्ण दस्तावेज मिलना चाहिए।
असम ने एनआरसी प्रक्रिया में खामी बताई थी और कहा था कि कई स्थानीय समुदाय के लोगों को इसमे शामिल नहीं किया गया है। दावा किया गया है कि कई ऐसे लोगों का नाम इस लिस्ट में शामिल किया गया है जिनकी नागरिकता संदिग्ध थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जो कोर्ट में लंबित है। प्रदेश सरकार के एक अन्य मंत्री अतुल बोरा ने कहा कि आधार कार्ड नागरिकता का दस्तावेज नहीं है। आधार मिलने के बाद भी अगर लोगों के नाम एनआरसी से हटा दिए जाते हैं तो , उनका आधार कार्ड भी अवैध हो जाएगा।
English summary
Assam government wants Aadhar cards for the those left out in NRC
Story first published: Friday, March 25, 2022, 14:10 [IST]