Anil Ambani Net Worth: अनिल अंबानी को एक के बाद एक गलतियां पड़ी भारी, जानिए कैसे डूबा अरबों रुपये का साम्राज्य

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नई दिल्ली: अनिल अंबानी जो कभी अरबों के साम्राज्य के मालिक थे कारोबार में लगातार नुकसान उठा रहे हैं। अनिल अंबानी का अरबों रुपये का साम्राज्य डूबता जा रहा है। अनिल अंबानी की ओर से की गई एक के बाद एक कई गलतियां उनपर भारी पड़ी हैं। अनिल अंबानी भारी कर्ज में डूब चुके हैं। बीते बुधवार को अनिल अंबानी (Anil Ambani) की कंपनी रिलायंस कैपिटल (Reliance Capital) की दूसरे दौर की नीलामी हुई थी। इसमें केवल एक ही कंपनी ने बोली लगाई। हिंदूजा ग्रुप ने इंडसइंड इंटरनेशनल होल्डिंग्स (IndusInd International Holdings) के जरिए रिलायंस कैपिटल के लिए 9,650 करोड़ रुपये की बोली लगाई थी। नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी होने के साथ-साथ रिलायंस कैपिटल अनिल अंबानी (Anil Ambani) के फाइनेंशियल सर्विसेज बिजल के लिए होल्डिंग कंपनी भी थी। रिजर्व बैंक ने भारी कर्ज में डूबी रिलायंस कैपिटल के बोर्ड को 30 नवंबर 2021 को भंग कर दिया था और इसके खिलाफ इनसॉल्वेंसी प्रॉसीडिंग (Insolvancy Proceeding) शुरू की थी।

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कैसे डूबा अनिल अंबानी का साम्राज्य

अनिल अंबानी साल 2008 में 45 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ दुनिया के छठे सबसे अमीर शख्स थे। वो आज फोर्ब्स की सूची में भारत में भी 70वें नंबर से बाहर हैं। अनिल अंबानी (Anil Ambani Net Worth) का साम्राज्य ऐसा डूबा की अब उन्हें चीन और लंदन की अदालतों से अपने दीवालिया होने के सबूत देने पड़ रहे हैं। अनिल अंबानी के पतन की शुरुआत बंटवारे के साथ हुई थी। जब धीरूभाई अंबानी के रिलायंस ग्रुप की कंपनियों का बंटवारा हुआ तो अनिल अंबानी के खाते में कई कंपनियां आई थीं। इस दौरान सबको लगा कि अनिल अंबानी के हिस्से में ज्यादा अच्छी कंपनियां आई हैं। लेकिन अनिल अंबानी अपने इस कारोबार को संभाल नहीं पाए। रिलायंस की बहुमूल्य और नए जमाने की कंपनियां अनिल अंबानी का मिलीं, लेकिन वो कमाल नहीं दिखा पाए।

दिवालिया हुई कंपनी

अनिल अंबानी (Anil Ambani) ने कई महत्वाकांक्षी योजनाएं बनाईं लेकिन प्लानिंग सटीक नहीं बैठी। अनिल अंबानी टेलीकॉम, पॉवर और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर के किंग बनना चाहते थे। लेकिन आज हाल ये है कि उनकी कंपनी दिवालिया हो चुकी है। अनिल अंबानी की दूसरी गलती कर्ज के ऊपर कर्ज लेना भी था। अनिल अंबानी की हालत ऐसी हो गई थी कि उन्हें कर्ज चुकाने के लिए भी कर्ज लेना पड़ा था। यह कर्ज का दर्द उस समय और बढ़ गया जब आरकॉम और एयरसेल के मर्जर में असफलता मिली। अनिल अंबानी को प्रॉफिट और ग्रोथ देने वाली कंपनियां मिली थीं। लेकिन वो उसे बढ़ाना तो दूर बचा तक नहीं पाए।

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भारी पड़ीं ये गलतियां

अनिल अंबानी (Anil Ambani) एक कारोबार से दूसरे कारोबार में जंप लगाए गए, लेकिन वो किसी को भी संभाल नहीं पाए। यही गलती उन्हें सबसे ज्याद भारी पड़ी। अनिल अंबानी लगातार नए प्रोजेक्ट में पैसा लगाते गए। इसके चलते उनके ऊपर कर्ज का बोझ बढ़ता चला गया। एक समय ऐसा आया जब कर्ज अनिल अंबानी के कंट्रोल से बाहर हो गया। साल 2019 तक अनिल अंबानी की कंपनियों पर कर्ज का कुल बोझ करीब 1.73 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया था। साल 2008 में अनिल अंबानी की कंपनियों का मार्केट वैल्यू 4 लाख करोड़ रुपये के पार हो चुका था। जबकि साल 2019 में ये वैल्यू गिरकर सिर्फ 2391 करोड़ रुपये रह गई थी। अनिल अंबानी बैंकों के कर्ज के बोझ तले पूरी तरह से दब चुके थे।

रिलायंस कम्यूनिकेशन भी डूबी

इसके बाद अनिल अंबानी (Anil Ambani) का सबसे फायदेमंद बिजनस रिलांयस कम्यूनिकेशन का भी पतन शुरू हो गया। आर कॉम को अनिल अंबानी का सबसे ज्यादा प्रॉफिट देने वाला बिजनस माना जा रहा था। अनिल अंबानी बिजनस को आगे बढ़ाने के लिए कर्ज पर कर्ज लेते चले गए। एक समय टेलीकॉम इंडस्ट्री में गिरावट आई और प्रॉफिट-मार्जिन भी गिरा। अनिल अंबानी ने पहले से ही काफी कर्जा ले रखा था, ऐसे में उन्हें ये ज्यादा नुकसान दे गया।



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