खुशखबरी! 19 अप्रैल को दिल्ली में नहीं रहेगी ऑटो-टैक्सी की हड़ताल

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नई दिल्ली: दिल्ली में ऑटो, टैक्सी और कैब चालकों के विभिन्न संगठनों ने सोमवार को हड़ताल की। यह हड़ताल ईंधन की बढ़ती कीमतों (Fuel Price Rise) के मद्देनजर CNG में सब्सिडी और किराए की दरों में बदलाव की मांग को लेकर थी। हड़ताल के चलते दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में कैब और ऑटो की कमी रही। इससे राष्ट्रीय राजधानी में सोमवार सुबह से ही यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा। लोगों को हो रही दिक्कतों को देखते हुए ऑटो-टैक्सी संगठनों ने 19 अप्रैल की हड़ताल को स्थगित कर दिया है।

सोमवार की हड़ताल में ‘ओला’ और ‘उबर’ की सेवाएं प्रभावित नहीं हुईं, इनकी सेवाएं उपलब्ध रहीं लेकिन अधिक मांग के कारण किराया बढ़ा हुआ था। दिल्ली ऑटो रिक्शा संघ के महासचिव राजेंद्र सोनी का कहना है कि रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों पर आम लोगों की समस्या को देखते हुए 19 अप्रैल की हड़ताल को स्थगित कर दिया गया है। उन्होंने सोमवार की हड़ताल को कामयाब बताया। सीएनजी के दाम में बढ़ोतरी के कारण ऑटो और कैब चालकों के विभिन्न संगठन किराए में संशोधन की मांग कर रहे हैं। दिल्ली सरकार द्वारा समयबद्ध तरीके से किराए में संशोधन पर विचार करने के लिए एक समिति बनाने की घोषणा किए जाने के बावजूद संगठनों ने हड़ताल पर जाने का फैसला किया।

घाटे में नहीं कर सकते काम
राजेंद्र सोनी के मुताबिक, सीएनजी महंगी हो गई है और हम घाटे में काम नहीं कर सकते। हमें या तो एक किलोग्राम सीएनजी पर 35 रुपये की सब्सिडी दी जाए या किराया बढ़ाया जाए। ऑटो, टैक्सी और कैब चालकों ने अपनी मांगों को लेकर दिन में सिविल लाइंस स्थित मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास के बाहर धरना भी दिया। कश्मीरी गेट आईएसबीटी, रानी बाग, सिविल लाइंस, नई दिल्ली रेलवे स्टेशन ऑटो स्टैंड सहित कई जगहों पर छोटे-छोटे विरोध प्रदर्शन भी देखे गए। दिल्ली में शहर में सार्वजनिक परिवहन प्रणाली के तौर पर 90,000 से अधिक ऑटो और 80,000 से अधिक पंजीकृत टैक्सी हैं।



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