ईडी के अधिकारियों के मुताबिक रेडियस ग्रुप के छाबड़िया की सांताक्रूज में 116.5 करोड़ रुपये की जमीन, कंपनी में उनके 25 फीसदी शेयर, बेंगलूरु में 115 करोड़ रुपये की जमीन, सांताक्रूज में तीन करोड़ रुपये का फ्लैट और दिल्ली एयरपोर्ट के नजदीक होटल से हुए 13.67 करोड़ रुपये के प्रॉफिट को जब्त किया गया है। इसी तरह अविनाश भोसले इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के प्रमोटर अविनाश भोसले की मुंबई में 102.8 करोड़ रुपये का डूप्लेक्स फ्लैट, पुणे में 44 करोड़ रुपये की दो जमीनें और नागपुर में 17 करोड़ रुपये के दो प्लॉट अटैच किए गए हैं।
क्या है मामला
ईडी और सीबीआई इस मामले की जांच कर रहे है। दोनों केंद्रीय एजेंसियों ने दो बिल्डरों, यस बैंक के सह-संस्थापक राणा कपूर और डीएचएफएल के प्रमोटर-निदेशक कपिल वधावन तथा धीरज वधावन के खिलाफ अलग-अलग मामला दर्ज किया है। इस मामले में जहां दोनों वधावन को ईडी ने मई में गिरफ्तार किया था, जबकि कपूर को मार्च में गिरफ्तार किया गया था। ये दोनों भी अभी न्यायिक हिरासत में हैं। ईडी ने आरोप लगाया कि राणा कपूर ने यस बैंक लिमिटेड के माध्यम से डीएचएफएल के अल्पकालिक गैर-परिवर्तनीय ‘डिबेंचर’ में 3,700 करोड़ रुपये और डीएचएफएल के ‘मसाला बॉन्ड’ में 283 करोड़ रुपये का निवेश किया।
यह मामला यूनियन बैंक ऑफ इंडिया (Union Bank of India) की अगुवाई वाले 17 बैंकों को 34,615 करोड़ रुपये का चूना लगाने से जुड़ा हुआ है। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की शिकायत पर 20 जून, 2022 को एक मामला दर्ज किया गया था। इसमें मुंबई की एक प्राइवेट कंपनी, उसके तत्कालीन सीएमडी, डायरेक्टर और दूसरे लोगों पर यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की अगुवाई वाले 17 बैंकों के कंसोर्टियम के साथ 34,615 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का आरोप लगाया गया। आरोप है कि इस प्राइवेट कंपनी और उसके प्रमोटरों ने शेल कंपनियां बनाकर पैसों का हेरफेर किया। ऑडिट में भी यह बात सामने आई कि इस कंपनी ने बैंकों से लिए गए लोन को शेल कंपनियों में डाइवर्ट किया था।
सरकार पर कितना भरोसा करें यस बैंक के ग्राहक?