हाइलाइट्स
नीदरलैंड में लोग क्रेडिट कार्ड का उपयोग करना पसंद ही नहीं करते हैं.
वे कर्ज या उधार की मानसिकता को ही नापसंद करते हैं.
यह सब डच संस्कृति और वहां के लोगों की सोच की वजह से भी है.
यूरोप में संस्कृति बहुत ही अलग तो है वहां अर्थव्यवस्था को लेकर भी लोगों की मानसिकता अलग ही होती है. फिर भी कई देशों में इसमें भी अंतर देखने को मिलता है.उत्तरी पश्चिमी यूरोप में नीदरलैंड में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिलता है. यहां लोग क्रेडिट कार्ड और उधारी से दूर रहते हैं. इसके पीछे कई कारण हैं यहां पैसे और खर्चों को लेकर लोगों की मानसिकता ही बहुत अलग है और यही वजह है कि यहां का पेमेंट सिस्टम ही अलग है और विदेशी लोगों को यहां के तंत्र से सामंजस्य बैठाने की समस्या आती है. यह जानना रोचक है कि डच लोग दुनिया से इतने अलग क्यों हैं.
अंतरराष्ट्रीय कार्ड की समस्या
नीदरलैंड मे भुगतान का तंत्र ही बहुत अलग है. यहां भुगतान मैस्ट्रो या आइडील के जरिए ज्यादा आम है और अधिकांश स्टोर्स में तो यही एक विकल्प रहता है. .इसलिए कई विदेशी पर्यटकों को यहां आने पर कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है क्योंकि वीजा या मास्टर कार्ड जैसेअंतरराष्ट्रीय स्तर के कार्ड नीदरलैंड में काम के नहीं रह जाते हैं.
कौन से कार्ड चलते हैं
दरअसल नीदरलैंड में केवल डेबिट कार्ड ही चलते हैं और उसमें भी वहां का तंत्र विदेशी डेबिट कार्ड भी अस्वीकार कर देते हैं और केवल डच संस्करण के डेबिट कार्ड को ही स्वीकार करते हैं. वहां केवल डट बैंक के कार्ड चलते है जो बिना किसी बिचौलिए के सीधे व्यापारी के पास जाते हैं जिससे व्यापार में लागत कम आती है.
कर्ज उधार ही नहीं पसंद
इसकी सबसे बड़ी वजह है कि डच लोग कर्ज या उधार पंसद नहीं करते हैं उनका क्रेडिट सिस्टम में उधार के तंत्र में विश्वास ही नहीं होता है. यहां केवल 55 फीसद लोगों के पास ही क्रेडिट कार्ड है इनमें से भी केवल 62 फीसद लोग इनका उपयोग करते हैं जब वे विदेश में होते हैं. यहबएक विकसित देश के लिहाज से बहुत कम है.
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Tags: Credit card, Economy, Netherlands, Research, World
FIRST PUBLISHED : March 16, 2023, 10:25 IST