महेंद्र सिंह धोनी को सुप्रीम कोर्ट ने क्यों भेजा नोटिस, जानिए पूरा मामला


Former Indian Cricket Team Captain MS Dhoni- India TV Hindi News
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Former Indian Cricket Team Captain MS Dhoni

Highlights

  • महेंद्र सिंह धोनी को सुप्रीम कोर्ट ने थमाया नोटिस
  • आम्रपाली ग्रुप पर 150 करोड़ रुपये हैं बकाया
  • कोर्ट ने नोटिस जारी कर अपना पक्ष रखने को कहा

MS Dhoni-Amrapali Group: आम्रपाली ग्रुप के फ्लैट्स की डिलीवरी को लेकर मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान महेंद्र सिंह धोनी से जुड़ा एक मामला कोर्ट के सामने आया। जिसमें टीम इंडिया के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है। दरअसल, एमएस धोनी को आम्रपाली ग्रुप की तरफ से 150 करोड़ रुपये का बकाया लेना है, दूसरी ओर ग्राहकों को उनके फ्लैट्स नहीं मिल रहे हैं, ऐसे में यह मामला सर्वोच्च अदालत तक पहुंच गया है। इसी के बाद अब सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली ग्रुप और महेंद्र सिंह धोनी को नोटिस जारी किया है।

आम्रपाली ग्रुप के पास फंड की भारी कमी

बता दें कि आम्रपाली ग्रुप और महेंद्र सिंह धोनी से जुड़ा यह केस पहले दिल्ली हाईकोर्ट में चल रहा था, जहां पर हाईकोर्ट ने एक कमेटी का गठन किया था। रिटायर्ड जस्टिस वीणा बीरबल की अगुवाई में बनी इस कमेटी के जिम्मे मामले को सुलझाने का काम था। जब कमेटी का गठन किया गया, उसके बाद ही पीड़ितों द्वारा इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में उठाया गया था। सर्वोच्च अदालत में हुई सुनवाई के दौरान पीड़ितों की ओर से यह दलील दी गई थी कि आम्रपाली ग्रुप के पास फंड की कमी है, इसलिए उनके द्वारा बुक करवाए हुए फ्लैट नहीं मिल पा रहे हैं।

आम्रपाली पर धोनी के 150 करोड़ हैं बकाया
पीड़ितों का कहना है कि दिल्ली हाईकोर्ट ने जिस कमेटी का गठन किया गया है, उसके सामने महेंद्र सिंह धोनी अपने बकाए 150 करोड़ रुपये का मामला ले गए हैं। महेंद्र सिंह धोनी आम्रपाली ग्रुप के ब्रांड एंबेसडर थे, जिसके लिए उनके 150 करोड़ रुपये बकाया हैं। लिहाजा पीड़ितों ने तर्क दिया कि अगर आम्रपाली ग्रुप एमएस धोनी के बकाये को की इतनी बड़ी रकम देने में पैसे खर्च करेगा तो उनके फ्लैट अटके रह जाएंगे। यही कारण है कि अब सुप्रीम कोर्ट ने महेंद्र सिंह धोनी और आम्रपाली ग्रुप को नोटिस जारी किया है और अपना पक्ष रखने को कहा है। हालांकि, सर्वोच्च अदालत ने अभी मध्यस्थता कमेटी की सुनवाई या किसी तरह के एक्शन पर रोक नहीं लगाई है। 

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