बॉडी के अंदर आखिर ऐसा क्या होता है कि अंगों पर आ जाती है सूजन


Cause of Swelling: स्किन पर कोई कीड़ा काट ले या फिर कोई चोट लग जाए तो अक्सर बॉडी के उस ऑर्गन में सूजन आ जाती है. कोई मरहम (ऑइनमेंट) लगाने या फिर कोई दवाई खाने के बाद अक्सर ये सूजन ठीक हो जाती है. लेकिन सूजन देखकर मन में सवाल जरूर आता है कि आखिर स्किन के अंदर ऐसा क्या बदल जाता है, जो स्किन सूजकर मोटी हो जाती है और फिर दवाई लगाने या खाने के बाद ऐसा क्या बदल जाता है कि स्किन फिर से नॉर्मल और स्मूद हो जाती है…

क्यों होती है सूजन?

  • सूजन शरीर में दर्द या जलन के प्रति हमारी बॉडी का रेस्पॉन्स होता है. यानी जब कोई कीड़ा काटता है और उसके कारण जो जलन होती है या फिर चोट लगने के बाद जो दर्द होता है, उसकी प्रतिक्रिया के रूप में हमारा शरीर अपना वो भाग सुजा देता है. यह दर्द के प्रसार और कीड़े के जहर को तेजी से फैलने से रोकने का एक तरीका भी है. 
  • अब सवाल ये बनता है कि आखिर सूजन होने पर शरीर के अंदर क्या होता है? दरअसल, जब त्वचा के नीचे एक जगह पर द्रव इक्ट्ठा हो जाता है, तब सूजन होती है. चोट लगने पर या कीट के काटने पर बॉडी का डिफेंस मैकेनिज़म तुरंत ऐक्टिव हो जाता है और सूजन आ जाती है. सूजन को मेडिकल की भाषा में एडिमा कहा जाता है.

सूजन कितने प्रकार की होती है?

यह सवाल कई लोगों को हैरान कर सकता है कि सूजन के भी प्रकार होते हैं. लेकिन यह सच है कि सूजन एक या दो नहीं बल्कि 5 से अधिक प्रकार की होती है. इनमें सबसे आम सूजन के नाम इस प्रकार हैं…

1. पेरिफेरल एडिमा- घुटनों, पैरों या बजुओं में लिंफ नोड्स में समस्या होने पर जो सूजन होती है, उसे पेरिफेरल एडिमा कहा जाता है. लिंफ नोड्स हमारे शरीर में माइक्रोब्स और टॉक्सिन्स को फिल्टर करने का काम करते हैं.

2. लिंफेडिमा- सर्जरी या कैंसर के इलाज के दौरान रेडिएशन के कारण जब लिंफ नोड्स डैमेज हो जाते हैं, तब जो सूजन होती है, उसे लिंफेडिमा कहते हैं. 

3. सिरेब्रल एडिमा- मस्तिष्क के अंदर जब ट्यूमर, चोट, रक्त वाहिकाएं फट जाना, ब्रेन हेमरेज इत्यादि किसी भी कारण से सूजन होती है तो उसे सिरेब्रल एडिमा यानी दिमागी सूजन कहा जाता है.

4. पीडल एडिमा- यह आमतौर पर प्रेग्नेंसी के दौरान और वृद्धावस्था में होने वाली सूजन है. पैर के निचले हिस्सों में द्रव इक्ट्ठा हो जाने के कारण ये सूजन होती है.

5. पल्मॉनेरी एडिमा- यह फेफेड़ों मे होने वाली सूजन है. जब हवा की थैलियों में द्रव भर जाता है तो सांस लेने में दिक्कत होती है और लेटने पर यह स्थिति और भी तकलीफ देने वाली होती है क्योंकि लेटने पर घुटन होने लगती है और हार्ट बीट्स बढ़ जाती हैं.

6. मैक्यूलर एडिमा- आंख में रेटिना के बीच मैक्यूला नाम का एक एक टिश्यू होता है, जो लाइट के प्रति बहुत अधिक संवेदनशील होता है. जब इस टिश्यू के आस-पास चोट लगती है तो रक्तवाहिकाओं यानी ब्लड वेसल्स में लिक्विड इक्टट्ठा होने लगता है और रिसने लगता है, जिससे एडिमा यानी सूजन होती है. 

7. शरीर की अंदरूनी सूजन- ये बाकी सब सूजन से एकदम अलग तरह की स्वेलिंग होती है. जो किसी चोट के कारण नहीं बल्कि शरीर में पाचन के दौरान बनने वाले फ्री रेडिकल्स यानी मुक्त कणों के कारण होती है. इसे इंटरनल इंफ्लेमेशन कहते हैं. इसके कारण शरीर में ब्लोटिंग होती है.

सूजन का इलाज क्या है?

सूजन का इलाज इसके कारणों पर निर्भर करता है. जितने प्रकार की सूजन होती है, उनके कारण अलग-अलग होते हैं और इन्हीं के आधार पर इनका इलाज भी किया जाता है. किसी भी समस्या के शुरुआती स्तर पर उसका इलाज कराने से दवाओं पर होने वाला खर्च, शारीरिक कष्ट और टेंशन से बचाव होता है.

 

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

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