ट्विटर ने मान लिए आईटी मंत्रालय के आखिरी नोटिस के भी नियम, जानिए ऐसा ना कर पाने पर क्या होता!


नई दिल्ली: सोशल मीडिया मंच ट्विटर ने इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय (मेइटी) की तरफ से 27 जून को जारी अंतिम नोटिस का अनुपालन पूरा कर लिया है। एक आधिकारिक सूत्र ने सोमवार को यह जानकारी दी। मंत्रालय ने ट्विटर के लिए इसकी समयसीमा चार जुलाई तय की थी। अगर वह ऐसा नहीं कर पाती, तो मध्यवर्ती का दर्जा गंवा सकती थी। ऐसे में उसके मंच पर डाली जाने वाली सभी टिप्पणियों के लिए वह जिम्मेदार होती।

एक अधिकारी ने बताया कि ट्विटर ने नोटिस का अनुपालन पूरा कर लिया है। एक अन्य आधिकारिक सूत्र ने कहा कि सोशल मीडिया कंपनी से कुछ ट्वीट और ट्विटर खातों पर कार्रवाई करने के लिए कहा गया था। लेकिन पूर्व में कंपनी ने इस मोर्चे पर अनुपालन को पूरा नहीं किया था। ट्विटर ने इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की।

अनुपालन अधिकारी की व्यक्तिगत जिम्मेदारी पर कंपनियां नाखुश
सोशल मीडिया कंपनियों ने आईटी नियम के तहत नियमों के अनुपालन में चूक के लिए मुख्य अनुपालन अधिकारी (सीसीओ) को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराने के प्रावधान पर गंभीर आपत्ति जताई है। उद्योग के एक अध्ययन में यह निष्कर्ष निकाला गया है। सोशल मीडिया कंपनियों का मानना है कि इस तरह के प्रावधान से उनके मंचों पर ‘सेंसरशिप’ बढ़ सकती है।

आईटी नियम-2021 के तहत सोशल मीडिया मंचों को मुख्य अनुपालन अधिकारी की नियुक्ति करनी होगी। यह अधिकारी आईटी कानून के तहत नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होगा। द डायलॉग और आईएएमएआई के संयुक्त अध्ययन में कहा गया है कि इस प्रावधान से भारत की एक अच्छे कारोबारी गंतव्य के रूप में छवि को भी नुकसान पहुंचेगा और विदेशी निवेशक यहां आने से कतराएंगे।

अध्ययन में कुल 82 अंशधारकों का साक्षात्कार लिया गया। इनमें सोशल मीडिया कंपनियां और स्टार्टअप शामिल हैं। अध्ययन में कहा गया है किसी कर्मचारी को व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार ठहराने से ‘सेंसरशिप’ बढ़ेगी। कर्मचारी की सुरक्षा को खतरे के मद्देनजर कंपनियां अतिरिक्त सतर्कता बरतेंगी और इससे किसी सामग्री पर कुछ जरूरत से ज्यादा अंकुश लगाए जा सकते हैं।



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