
भारत
की
बेटी
ने
पीड़ित
महिला
को
सहारा
दिया
वैसे
भी
एक
फोटो
को
हजारों-लाखों
शब्दों
का
पर्याय
कहा
जाता
है।
इस
कथन
का
सटीक
उदाहरण
तुर्की
के
भूकंप
वाले
इलाके
से
आई
तस्वीर
है,
जहां
आत्मविश्वास,
करुणा
और
संवेदना
भरी
आंखों
वाली
भारत
की
बेटी
ने
पीड़ित
महिला
को
सहारा
दिया।
समाचार
एजेंसी
ANI
की
रिपोर्ट
के
मुताबिक
भारतीय
सेना
ने
भूकंप
पीड़ितों
की
मदद
के
लिए
आपदा
राहत
दलों
और
प्रभावित
इलाकों
के
नजदीक
आर्मी
फील्ड
अस्पतालों
का
इंतजाम
किया
है।

भूकंप
पीड़ितों
की
मदद
करने
पहुंचे
भारतीय
देवदूत
इसके
अलावा
एक
6
साल
की
बच्ची
का
रेस्क्यू
भी
इंडियन
टीम
ने
किया
है।
राहत
और
बचाव
कार्य
की
VIDEO
वायरल
हो
रही
है।
इस
वीडियो
में
देखा
जा
सकता
है
कि
भारत
की
रेस्क्यू
टीम
संवेदनशील
इलाके
में
भूकंप
पीड़ितों
की
मदद
कर
रही
है।
इसी
दौरान
छह
साल
की
बच्ची
को
मलबे
से
बाहर
सुरक्षित
निकाला
गया।

गृह
मंत्रालय
ने
कहा-
भारत
तुर्की
के
साथ
खड़ा
है
गृह
मंत्रालय
के
आधिकारिक
ट्विटर
हैंडल
(@PIBHomeAffairs)
पर
शेयर
की
गई
वीडियो
के
साथ
कैप्शन
में
लिखा
गया
कि
प्राकृतिक
आपदा
के
ऐसे
कठिन
समय
में
भारत
तुर्की
के
साथ
खड़ा
है।
भारत
का
आपदा
मोचन
बल-
@NDRFHQ
ग्राउंड
जीरो
पर
बचाव
और
राहत
अभियान
चला
रहा
है।

नूरदागी
से
6
साल
की
बच्ची
का
रेस्क्यू
गृह
मंत्रालय
ने
तुर्की
के
भूकंप
को
ऑपरेशन
दोस्त
का
नाम
दिया
है।
हैशटैग
#OperationDost
के
साथ
गृह
मंत्रालय
के
प्रवक्ता
ने
बताया
कि
NDRF
की
टीम
आईएनडी-11
ने
गुरुवार
को
गजियांटेप
के
नूरदागी
से
6
साल
की
बच्ची
को
सफलतापूर्वक
बरामद
किया।
नीचे
देखिए
वीडियो—
|
कंबल
में
लिपटी
6
साल
की
मासूम
तुर्की
में
भारतीय
टीम
ने
मलबे
से
जिस
6
साल
की
बच्ची
को
रेस्क्यू
किया
उसे
कंबल
में
लिपटी
हुई
देखा
गया।
उसकी
गर्दन
को
एक
सपोर्ट
डिवाइस
के
साथ
मजबूती
से
सुरक्षित
किया
गया
था।
डॉक्टर
ने
उसकी
स्थिति
की
जाँच
की।

वायुसेना
के
विमान
से
गई
रेस्क्यू
टीम
रेस्क्यू
टीम
में
शामिल
पीले
और
सफेद
हेलमेट
पहने
लोगों
ने
बच्ची
को
धीरे
से
स्ट्रेचर
पर
लिटाया।
रिपोर्ट
के
मुताबिक
भारत
ने
तुर्की
में
राहत
और
बचाव
कार्य
के
लिए
भारतीय
वायुसेना
के
विमान
C-17
Globemaster
III
heavy
lift
aircraft
को
रवाना
किया
है।

NDRF
के
अलावा
डॉग
स्क्वॉड
और
विशेषज्ञ
भी
रवाना
राष्ट्रीय
आपदा
मोचन
बल
(एनडीआरएफ)
की
टीम
के
अलावा
डॉग
स्क्वॉड,
तलाशी
में
जरूरी
उपकरण
और
वाहनों
से
जुड़े
विशेषज्ञों
को
रवाना
किया
है।
बता
दें
कि
गृह
मंत्रालय
के
तहत
NDRF
के
पास
प्राकृतिक
आपदाओं
और
अन्य
इमरजेंसी
के
मौकों
पर
बचाव
और
राहत
कार्य
में
मदद
करने
का
व्यापक
अनुभव
है।

तुर्की
में
रेस्क्यू
पर
NDRF
महानिदेशक
ने
क्या
बताया
?
तुर्की
में
भूकंप
के
बारे
में
एनडीआरएफ
महानिदेशक
अतुल
करवाल
ने
बताया
कि
एनडीआरएफ
के
51
कर्मियों
का
एक
दल
वहां
पहले
से
तैनात
दो
टीमों
में
शामिल
होने
के
लिए
तुर्की
भेजा
गया।

सबसे
अधिक
प्रभावित
इलाकों
में
इंडिया
समाचार
एजेंसी
पीटीआई
के
मुताबिक
करवाल
ने
बताया
कि
मंगलवार
को
तुर्की
भेजी
गई
दो
टीमों
में
विभाजित
101
कर्मियों
को
गाजियांटेप
प्रांत
के
नूरदगी
और
भूकंप
से
सबसे
ज्यादा
प्रभावित
दो
क्षेत्रों
उरफा
में
तैनात
किया
गया।

ITBP
से
उधार
लेकर
गई
NDRF
!
करवाल
के
मुताबिक
एनडीआरएफ
की
टीमें
लगभग
दो
सप्ताह
तक
ऑपरेशन
चला
सकती
हैं।
उनके
पास
राशन,
टेंट
और
अन्य
रसद
पर्याप्त
मात्रा
में
हैं।
उन्होंने
कहा,
“हमने
अपने
बचावकर्मियों
को
तुर्की
की
अत्यधिक
ठंडी
जलवायु
में
काम
करने
के
लिए
विशेष
सर्दियों
के
कपड़े
मुहैया
कराए
हैं।
यह
कपड़े
भारत-तिब्बत
सीमा
पुलिस
और
कुछ
अन्य
लोगों
से
उधार
लिए
गए
हैं।”

72
घंटे
तक
जीवित
बचने
की
संभावना
तुर्की
में
प्रभावित
क्षेत्रों
में,
बचावकर्मी
कड़कड़ाती
ठंड
के
बीच
जीवित
बचे
लोगों
की
तलाश
में
जुटे
हैं।
ऐसी
आपदा
में
72
घंटे
के
समय
को
विशेषज्ञ
जिंदा
बचने
के
लिहाज
से
अधिकतम
संभावित
समय
मानते
हैं।
वह
भी
बीत
चुका
है।
ऐसे
में
मृतकों
की
संख्या
और
बढ़ने
की
आशंका
है।

सोते
समय
भूकंप
आया
बता
दें
कि
7.8
तीव्रता
का
भूकंप
उस
समय
आया
जब
लोग
सो
रहे
थे।
भूकंप
एक
ऐसे
क्षेत्र
में
आया
जहां
सीरिया
के
गृह
युद्ध
के
कारण
कई
लोगों
को
पहले
ही
नुकसान
और
विस्थापन
का
सामना
करना
पड़ा
था।
सैटेलाइट
तस्वीरें
भी
विचलित
करने
वाली
हैं।
पीटीआई
ने
मैक्सर
टेक्नोलॉजी
के
हवाले
से
दिसंबर,
2022
और
8
फरवरी
2023
की
तस्वीरों
की
तुलना
की
है।

सबसे
भयानक
त्रासदी
में
एक
बता
दें
कि
तुर्की
का
भूकंप
इतिहास
के
सबसे
भयंकर
Earthquake
के
रूप
में
सामने
आया
है।
18
हजार
से
अधिक
लोगों
के
मारे
जाने
की
पुष्टि
हो
चुकी
है।
कई
मीडिया
रिपोर्ट्स
में
मृतकों
का
आंकड़ा
20
हजार
से
अधिक
भी
बताया
जा
रहा
है।
हालांकि,
सरकारी
आंकड़ों
में
18
हजार
से
अधिक
लोगों
के
मरने
की
पुष्टि
और
हजारों
लोगों
के
लापता
होने
की
बात
कही
जा
रही
है।