मौजूदा समय में सिम स्वैप फ्रॉड तेजी से बढ़ रहा है। ऐसे में कुछ हैकर्स या फ्रॉड लोग दूसरे लोगों की डुप्लीकेट सिम लेकर उससे ओटीपी आदि एक्सेस कर लेते हैं और बैंक खाते में सेंध लगा सकते हैं। फ्रॉड करने वाले लोग टेलिकॉम ऑपरेटर से कॉन्टैक्ट कर न्यू सिम खरीद लेते हैं, जिस सिम को पहले ही वह यूजर्स इस्तेमाल कर रहे हैं। यह एक न्यू सिम खरीदने जैसा प्रोसेस है। DoT ने साल 2016 और 2018 में अपग्रेड करने के मामले में न्यू सिम जारी के लिए एक प्रोसेस को फॉलो करने को कहा था, जिससे कस्टमर की पहचान हो सके। इसके बाद पुराने नंबर की न्यू सिम लेने और उसे एक्टीवेट करने के लिए नया प्रोसेस शामिल किया है और कस्टमर की पुष्टि भी की जा सके।
टेलिकॉम कंपनियों को दिए ये आदेश
DoT ने टेलिकॉम कंपनियों को आदेश दिया कि नया सिम एक्टिवेट होने के 24 घंटे के भीतर कस्टमर को पुराने नंबर पर SMS भेजकर इजाजत ली जाए कि क्या उनकी तरप से नए सिम नए सिम या उसे अपग्रेड करने की रिक्वेस्ट डाली गई है? अगर कस्टमर नया सिम की रिक्वेस्ट को नकार देता हैं, तो नया सिम एक्टिवेट नहीं किया जाएगा।