चांदी का हल चलाकर हुई थी राजस्थान के इस गांव की स्थापना, रोचक है कहानी


रिपोर्ट- कृष्ण कुमार

नागौर. नागौर का एक ऐसा भी गांव है, जिसकी स्थापना चांदी का हल चलाकर की गई. माना जाता है कि तत्कालीन समय में बीकानेर के राजघराने से जुड़े कर्णसिंह ने चांदी का हल चलाकर बुगरड़ा नामक गांव बसाया था.

क्या है गांव का इतिहास?

ग्रामीण हरीश गोदारा ने बताया कि बुगरड़ा गांव की स्थापना राजा कर्णसिंह ने की थी. बुगरड़ा गांव की स्थापना से पहले यहां पर रूणियां गांव था. लेकिन, आबादी बढ़ने पर बुगरड़ा गांव की नींव रखी गई थी. वर्ष 1665 में राजा कर्णसिंह ने चांदी का हल चलवाकर इस गांव की स्थापना की थी. गांव की स्थापना चांदी के हल से करने के पीछे कारण माना जाता है कि जाट समाज कृषि कार्यों से संबंध रखते हैं. क्योंकि जाट समाज हल को समृद्धि व खुशहाली का प्रतीक मानते हैं. इसी कारण चांदी का हल चलाकर इस गांव की स्थापना की गई.

वर्तमान समय में आबाद है गांव

वर्तमान समय में बुगरड़ा गांव शिक्षा, खेलकूद व संस्कृति के कारण अपनी विशेष पहचान रखता है. यहां के फुटबाल के खिलाड़ी राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर पर गांव का नाम रोशन कर चुके हैं. वर्तमान समय में गांव में उच्च माध्यमिक विद्यालय, उपस्वास्थ्य केंद्र, खेल के लिए मैदान सहित अन्य सरकारी संस्थान हैं.

राजनीति व सरकारी नौकरी में आगे

राजनीति के लिहाज से भी इस गांव के निवासी रामसिंह कुड़ी जायल विधानसभा क्षेत्र के विधायक रहे हैं. वहीं इसी गांव जज तक बने हैं. इस गांव के युवा प्रशासनिक अधिकारी के पद पर भी सुशोभित हैं. यह गांव नागौर डीडवाना हाईवे से 2 किलोमीटर अंदर की तरफ है.

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FIRST PUBLISHED : December 13, 2022, 16:06 IST



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