
कब होगा ये उल्कापात?
खगोलविदों के मुताबिक 2023 का आगाज हो गया है। इस साल का पहला उल्कापात 2 और 3 जनवरी को होगा। अनुमान के मुताबिक हर घंटे करीब 80 उल्कापिंड की बारिश होगी। अगर ये प्रक्रिया अपने चरम पर पहुंची, तो ये आंकड़ा हर घंटे 200 के पार चला जाएगा। ऐसे में आप भी इस दिलचस्प नजारे को देखने के लिए तैयार हो जाइए।

16 जनवरी तक चलेगा
अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के मुताबिक ये उल्कापात ‘2003 EH1’ नाम के एक एस्टरॉयड के मलबे की वजह से हो रहा है। वैसे तो ये क्रिसमस के बाद ही सक्रिय हो गया था, लेकिन 2 और 3 जनवरी को इसमें तेजी देखने को मिलेगी। इसके बाद ये 16 जनवरी तक चलेगा। वैज्ञानिकों के मुताबिक इस दौरान उल्कापिंड के बड़े टुकड़े हमारे वायुमंडल में दाखिल होंगे और जल जाएंगे। ऐसे में ये बहुत लंबा और चमकदार होगा।

कहां दिखेगा शानदार नजारा?
एक रिपोर्ट के मुताबिक 2003 EH1 को साल 2003 में खोज लिया गया। ये लगातार सूर्य की परिक्रम कर रहा । इसे एक चक्कर पूरा करने में साढ़े पांच साल का वक्त लगता था। वैज्ञानिकों के मुताबिक उल्कापिंडों की बारिश आसमान साफ होने पर हर जगह से नजर आएगी, लेकिन सबसे बेहतरीन नजारा उत्तरी गोलार्द्ध से दिखेगा।
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आप अपनाएं ये जुगाड़
ये नजारा आप भी खुली आंखों से देख सकते हैं, बस आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होगा। पहले तो आप साफ और खुले आसमान के नीचे खड़े हों। अगर आसपास अंधेरा रहेगा तो आसमान में उल्का की बारिश साफ नजर आएंगी। ठंड बहुत है, लेकिन आप आग ना चलाएं, वर्ना आपको उसकी रोशनी के चलते दूर आसमान की रोशनी कम नजर आएगी। सबसे अहम बात आप सब्र रखें, क्योंकि ये नजारा दिखने में वक्त लग सकता है।