अलजाइमर मरीजों की नई उम्मीद, वैज्ञानिकों को मिला नया कंपाउंड, इलाज में हो सकता है मददगार


Mushroom Production In India: मशरूम सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होती है. देश के कई राज्य मसलन, झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़ में किसान मशरूम की बुवाई कर अच्छी कमाई कर लेते है. विशेषज्ञ मशरूम के किडनी के लिए बेहद फायदेमंद हैं. दूसरी ओर वैज्ञानिक भी ऐसी ही उपज विकसित करने में लगे हुए हैं. जिससे मशरूम और अधिक लाभकारी हो सके. अब वैज्ञानिकों ने मशरूम की नई प्रजाति को लेकर ऐसी ही सफलता हासिल की है. 

ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने खोजा नया एक्टिव कंपाउंड

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिक, मशरूम की उपयोगिता को लेकर वैज्ञानिक रिसर्च में जुटे हुए थे. देख रहे थे कि किस तरह मशरूम लोगों की सेहत के लिए कारागर हो सकती है. अब ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने खाने के रूप में उपयोग की जाने वाली मशरूम में एक नए एक्टिव कंपाउंड की खोज की है. वैज्ञानिकों ने इसे हेरीसियम इरीनासियस नाम दिया है. 

कहां मिलता है लायन मेन मशरूम

वैज्ञानिको ने बताया कि लायन मेन मशरूम के अर्क का उपयोग एशियाई देशों में सदियों से पुरानी बीमारियों के उपयोग में किया जाता रहा है. यहां यह बहुतायत मिलता है. ब्रेन की कोशिकाओं पर इसका क्या प्रभाव होगा. लगातार इसका पता करने की कोशिश की जा रही है. ऑस्ट्रेलिया के क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी के प्री-क्लीनिकल टेस्ट में सामने आया है कि लायन मेन नामक मशरूम लोगों की ब्रेन कोशिकाओं को डेवलप करने में बेहद तेजी से काम करता है. यह नर्व ग्रोथ को बूस्ट कर मैमोरी तेज करता है.

अलजाइमर जैसी बीमारियों में हो सकता है उपयोगी

वैज्ञानिकों ने बताया कि यह नया कपाउंड मैमोरी से संबंधित होने के कारण यादाश्त बढ़ाने में मदद करेगा. वैज्ञानिकों का कहना है कि अलजाइमर नामक बीमारी पूरी तरह से यादाश्त से जुड़ी है. इसमें व्यक्ति खाना, पीना, स्थान, धीरे धीरे सबकुछ भूल जाता है. वैज्ञानिकों की कोशिश है कि नए कंपाउंड के नतीजे जिस तरह से आए हैं. इससे अलजाइमर जैसी बीमारी को सही करने या फिर उसे नियंत्रित करने में कापफी मददगार हो सकती है.

नतीजों के अनुसार, लॉयन मेन मशरूम सक्रिय यौगिक न्यूरॉन अनुमानों को बढ़ावा देते हैं, विस्तार करते हैं और अन्य न्यूरॉन्स से जुड़ते हैं. सुपर-रिज़ॉल्यूशन माइक्रोस्कोपी का प्रयोग करते हुए सामने आया कि मशरूम का अर्क और इसके सक्रिय घटक बड़े पैमाने पर विकास शंकु के आकार को बढ़ाते हैं. ये ब्रेन सेल्स में वहां की गतिविधियों को समझने और ब्रेन में मौजूद अन्य न्यूरांस से संबंध स्थापित करने में मदद करते हैं. 

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों को केवल सुझाव के रूप में लें, एबीपी न्यूज़ इनकी पुष्टि नहीं करता है. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.

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