Sale of liquor: कोरोना काल में लोगों ने जमकर पी शराब, तोड़ दिया एक दशक का रेकॉर्ड


नई दिल्ली: कोरोना महामारी (Covid-19 pandemic) के कारण पिछले साल लंबे समय तक देश में लॉकडाउन की स्थिति रही। लेकिन इस दौरान देश में बीयर और शराब की बिक्री (Sale of beer and liquor) ने एक दशक का रेकॉर्ड तोड़ दिया। साल 2021 में लोगों ने जमकर बीयर, व्हिस्की, वोदका और जिन का सेवन किया। इनकी बिक्री में पिछले साल 17-18 फीसदी की तेजी आई जो एक दशक में सबसे अधिक है। IWSR Drinks Market Analysis के ताजा आंकड़ों के मुताबिक लो बेस और घर में खपत बढ़ने से शराब की बिक्री में उछाल दर्ज की गई। महामारी के कारण शराब इंडस्ट्री बुरी तरह प्रभावित हुई थी। 2020 में शराब की बिक्री में 20 फीसदी और बीयर की बिक्री में 39 फीसदी कमी आई थी। भारत में शराब की कुल खपत में व्हिस्की, ब्रैंडी और रम की 97 फीसदी हिस्सेदारी है।

ब्रिटेन की रिसर्च एजेंसी का कहना है कि अगले पांच साल में देश में शराब का मार्केट 4.4 फीसदी की रफ्तार से बढ़ेगी जबकि बीयर मार्केट में 9.3 फीसदी की तेजी आएगी। पिछले पांच साल की बात करें तो इस दौरान देश में शराब का मार्केट सपाट रहा जबकि बीयर मार्केट में 3.7 फीसदी गिरावट आई। लेकिन कंपनियों की दूसरी ही योजना है। उनका जोर बिक्री बढ़ाने के बजाय इस बात पर है कि लोग महंगी शराब पिएं। डियाजिओ जैसी कंपनियां सस्ती शराब के बजाय प्रीमियम शराब पर फोकस कर रही हैं।

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महंगी शराब पर फोकस
देश की सबसे बड़ी शराब कंपनी यूएसएल (USL) की मैनेजिंग डायेक्टर हिना नागराजन ने कहा कि डिमांड लौट रही है और प्रीमियम क्वालिटी की शराब की खपत बढ़ रही है। कोरोना के दौरान हमने यह ट्रेंड देखा कि लोग महंगी और रेप्युटेड ब्रैंड की शराब खरीद रहे थे। अब सेल रिकवर हो रही है। यूएसएल ने हाल में अपने 32 सस्ते ब्रैंड्स को सिंगापुर की एक कंपनी को बेचने के लिए सौदा किया है। कंपनी का जोर अब प्रीमियम ब्रैंड्स की बिक्री बढ़ाने पर है।

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IWSR के एनालिस्ट जैसन हॉलवे ने कहा कि दो साल अप्रैल से जून का सीजन लॉकडाउन के कारण बीयर की बिक्री प्रभावित रही लेकिन अब स्थिति सामान्य हो रही है। बार और रेस्टोरेंट्स खुल गए हैं और लोग रिफ्रेशमेंट के लिए वहां जा रहे हैं। साथ ही भीषण गर्मी के कारण भी बीयर की बिक्री बढ़ी है। IWSR का कहना है कि ब्रैंडी और रम की बिक्री अभी पूरी पटरी पर नहीं लौटी है। उन्हें कोरोना पूर्व के स्तर तक पहुंचने के लिए 2026 तक इंतजार करना पड़ सकता है। लेकिन व्हिस्की की बिक्री 2022 में ही 2019 की सेल को पार कर सकती है।

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भारत में किसकी खपत है ज्यादा
महामारी के कारण बार, रेस्टोरेंट और पब बंद होने से बीयर और शराब की बिक्री प्रभावित हुई थी। लेकिन लॉकडाउन की पाबंदियां हटने के बाद अब शराब की बिक्री पटरी पर आ रही है। डियाजिओ, Pernod Ricard और Ab InBev का जोर प्रीमियम शराब पर है। Pernod Ricard South Asia के मैनेजिंग डायरेक्टर Thibault Cuny ने हाल में ईटी से कहा था , ‘हम हायर क्वालिटी और हायर वैल्यू की शराब बेचना चाहते हैं। हम नहीं चाहते हैं कि लोग बहुत अधिक शराब पीएं। हम इसके अत्यधिक सेवन के खिलाफ हैं।’

भारत में शराब की कुल खपत में व्हिस्की, ब्रैंडी और रम की 97 फीसदी हिस्सेदारी है। लेकिन पिछले साल वोदका और व्हाइट रम की बिक्री में करीब 17.5 फीसदी तेजी आई। इसी तरह जिन की बिक्री में भी 50 फीसदी तेजी आई है। 2020 और 2021 में अप्रैल-मई के दौरान लॉकडाउन से बीयर की बिक्री प्रभावित रही। लेकिन इसकी डिमांड में रिकवरी आ रही है और एक-दो साल में यह 2019 के स्तर पर पहुंच सकती है।



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