Russia-Ukraine War: युद्ध से जान बचाकर इस द्वीप पर भागे रूसी और यूक्रेनियन, ‘एशियाई स्वर्ग’ के लिए खड़ी हुई परेशानी


मॉस्को: रूस-यूक्रेन युद्ध पिछले साल से अबतक जारी है. जब से युद्ध शुरू हुआ है तब से इंडोनेशिया का सबसे प्रसिद्ध हॉलिडे द्वीप हजारों रूसी और यूक्रेनियन से भर गया है. दोनों के देश के नागरिक युद्ध से बचना चाहते हैं. सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार, 2022 में लगभग 58,000 रूसियों ने बाली का दौरा किया था. 2022 में 7,000 से अधिक यूक्रेनियन भी दक्षिण पूर्व एशियाई रमणीय स्थल पर पहुंचे और इस वर्ष जनवरी में लगभग 2,500 स्थल पर पहुंचे थे. इंडोनेशिया में रूसी यात्रियों की उच्च संख्या से ऑस्ट्रेलियाई लोगों के बाद पर्यटकों का दूसरा सबसे बड़ा समूह बन गया है.

कीव में 18 से 60 वर्ष की आयु के सभी पुरुषों के देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगाने के बावजूद बाली में रूसियों और यूक्रेनियनों की संख्या तेजी से बढ़ी है. रूस के कई युवा अन्य देश भाग गए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक, यूक्रेन और रूस में हिंसा से भाग रहे लोगों ने बाली के अधिकारियों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है. अधिकारियों ने रूसी और यूक्रेनी नागरिकों के लिए इंडोनेशिया की आगमन-पर-वीज़ा नीति को समाप्त करने का आग्रह किया है क्योंकि वीजा की अवधि समाप्त होने के बाद भी पर्यटक लंबे समय तक द्वीप को अपना ठिकाना बना रहे हैं.

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बाली में कई यूक्रेनियन ने आरोप लगाया कि अधिकांश घटनाओं में रूसी शामिल थे. एक पुलिस अधिकारी ने कथित तौर पर कहा, ‘जब भी हमें किसी विदेशी के बुरे व्यवहार के बारे में रिपोर्ट मिलती है, तो वह हमेशा रूसी ही होता है.”विदेशी बाली आते हैं लेकिन वे ऐसा व्यवहार करते हैं जैसे वे कानून से ऊपर हों. यह हमेशा से मामला रहा है और इसे अंतत: बंद होना चाहिए.’हालांकि, यह सिर्फ बाली नहीं है जो युद्ध का खामियाजा भुगत रहा है बल्कि समुद्र तटों के लिए प्रसिद्ध थाईलैंड के फुकेत द्वीप में भी रूसी पर्यटकों की अचानक आमद देखी गई है. कई रूसी थाईलैंड में अपना अपार्टमेंट खरीद चुके हैं. उनका कहना है कि ‘कोई भी युद्ध के बीच में रहना और जीना नहीं चाहता है.’

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