Russia Ukraine News: रूस-यूक्रेन युद्ध का सबसे ज्यादा फायदा होगा चीन को, जानिए ‘ड्रैगन’ की ये नई चाल


Vladimir Putin and Xi Jinping- India TV Hindi
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Vladimir Putin and Xi Jinping

Highlights

  • यूक्रेन-रूस की लड़ाई में फायदा उठाना चाहता है चीन
  • रूस-यूक्रेन की लड़ाई में अमेरिका भी उतरेगा तो होगा ड्रैगन को फायदा
  • दोनों नेताओं ने अमेरिका को इस मामले में हस्तक्षेप करने को लेकर चेतावनी भी दी थी

यूक्रेन और रूस के बीच तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है। सीमा पर कई दिनों से रूस की सैन्य गतिविधियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। ऐसे में अमेरिका ने दो टूक कह दिया है कि रूस को यूक्रेन पर हमला करने से बचना चाहिए। लेकिन रूस का रुख अभी साफ नहीं हो पा रहा है। इस बीच रूसी मीडिया ने दावा किया कि यूक्रेन की तरफ से सीजफायर का उल्लंघन किया गया है। इस दौरान यूक्रेन ने रूस की तरफ मोर्टार शेल्स और ग्रेनेड्स दागे। 

इन सबके बीच चीन का रुख इसमें बहुत मायने रखता है क्योंकि चीन अक्सर ऐसे मुद्दों पर दोगला रवैया अपनाता नज़र आता है। हाल ही में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बाद ऐसा नज़र भी आने लगा था। इसमें दोनों नेताओं ने अमेरिका को इस मामले में हस्तक्षेप करने को लेकर चेतावनी भी दी थी। ऐसे में इस पूरे मसले पर चीन का रुख एक बार फिर सवालों के घेरे में हैं क्योंकि इसमें वह अपना ही फायदा देख रहा है।

एक्सपर्ट्स की मानें तो चीन के लिए अमेरिका सबसे बड़ी परेशानी है। क्योंकि अमेरिका के साथ चीन की अर्थव्यवस्था काफी कम है और वह विश्व शक्ति बनने की इच्छा लगाए बैठा है। अगर रूस, यूक्रेन पर हमला करता है तो इसमें अमेरिका भी जरूर कूदेगा। यानी इसमें रूस और अमेरिका आमने-सामने आ जाएंगे तो इसका फायदा चीन ही उठाना चाहेगा। कोरोना के महामारी के दौरान भी ऐसा ही नज़र आया था। क्योंकि जब पूरी दुनिया में उद्योग बंद पड़े थे तो चीन में लगातार प्रोडक्शन हो रहा था। इसका फायदा भी कोविड का प्रभाव कम होने के बाद चीन ने ही उठाया।

चीन हर मुद्दे पर काफी सख्त अख्तियार करता है। चाहे वो कोरोना का खुलासा करने वाले पत्रकारों के खिलाफ हो या हॉन्ग कॉन्ग में चल रहे विरोध प्रदर्शन को लेकर हो। यहां तक कि चीन में कोरोना महामारी को लेकर रिपोर्ट करने पर कई पत्रकारों को जेल में बंद कर दिया गया था। वहीं, हॉन्ग कॉन्ग में भी ऐसा ही किया गया था जब वहां विरोध की आवाज उठा रहे नौजवानों पर गोली, लाठियों का प्रयोग किया गया था। इसलिए अगर ऐसा ही कुछ भी होता है तो इसका सीधा फायदा चीन ही होगा। 





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