हाइलाइट्स
रूस उच्च विफलता दर के साथ दशकों पुराने गोला-बारूद की ओर रुख कर रहा है
सैन्य हथियारों की किल्लत के कारण US ने रूस पर ईरान और उत्तर कोरिया से हथियार लेने का आरोप लगाया
वरिष्ठ अमेरिकी सैन्य अधिकारी ने आकलन किया कि रूस के पास 2023 की शुरुआत तक ख़त्म होगा गोला बारूद
मॉस्को. यूक्रेन के साथ दस महीनों से युद्ध कर रहा रूस अब दशकों पुराने गोला-बारूद की ओर रुख करने को मजबूर हुआ है. न्यूज़ एजेंसी रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के अनुसार एक वरिष्ठ अमेरिकी सैन्य अधिकारी ने सोमवार को कहा कि रूस उच्च विफलता दर के साथ दशकों पुराने गोला-बारूद की ओर रुख कर रहा है क्योंकि उसके पास अब रसद काफी कम मात्रा में ही बचा है. अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वे (रूस के) पुराने गोला-बारूद के भंडार के साथ फिर से तैयार हुए हैं, जो यह संकेत देता है कि वे उस पुराने गोला-बारूद का उपयोग करने के इच्छुक हैं, जिनमें से कुछ मूल रूप से 40 साल पहले बनाए गए थे.
इससे पहले भी सैन्य हथियारों की किल्लत के कारण संयुक्त राज्य अमेरिका ने रूस पर अधिक मारक क्षमता के लिए ईरान और उत्तर कोरिया से हथियार लेने का आरोप लगाया था. वरिष्ठ अमेरिकी सैन्य अधिकारी ने आकलन किया कि रूस 2023 की शुरुआत में गोला-बारूद के अपने पूर्ण-सेवा योग्य स्टॉक का उपयोग कर लेगा यदि उसने विदेशी आपूर्तिकर्ताओं और पुराने स्टॉक का सहारा नहीं लिया.
अधिकारी ने कहा कि अमेरिका का आकलन है कि जिस तरह से रूस अपने तोपखाने और रॉकेट गोला-बारूद का उपयोग कर रहा है, वे शायद 2023 की शुरुआत तक समाप्त हो सकते हैं. अधिकारी ने कहा कि पुराने गोला बारूद के इस्तेमाल में जोखिम है. दूसरे शब्दों में, इन में आग लगने और विस्फोट होने की समस्या बेहद आम है. वहीं अमेरिका और यूक्रेन के अधिकारियों का कहना है कि ईरान ने यूक्रेन में इस्तेमाल के लिए रूस को ड्रोन ट्रांसफर किए हैं. मास्को ईरान से सैकड़ों बैलिस्टिक मिसाइल प्राप्त करने का भी प्रयास कर रहा है और बदले में तेहरान को एक अभूतपूर्व स्तर की सैन्य और तकनीकी सहायता प्रदान कर रहा है.
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Tags: Russia ukraine war, USA
FIRST PUBLISHED : December 13, 2022, 15:02 IST