Rapid Rail Vs Vande Bharat Express: जानते हैं वंदे भारत और रैपिड रेल में क्या है अंतर? किसकी स्पीड है ज्यादा


नई दिल्ली: देश में जल्द ही पहली रैपिड रेल (Rapid Rail) अपने ट्रैक पर फर्राटा भरने वाली है। बीते गुरुवार को इसका 17 किलोमीटर के ट्रैक पर ट्रॉयल किया गया। ट्रॉयल में रैपिड रेल की स्पीड ने लोगों को हैरान कर दिया। ऐसा बताया जा रहा है कि रैपिड रेल से लोग दिल्ली से मेरठ (Delhi to Meerut) के बीच की दूरी सिर्फ 50 मिनट में पूरी कर लेंगे। दिल्ली से मेरठ करीब 82 किलोमीटर दूर है। रैपिड रेल के फर्राटा भरने से पहले देश को एक और नई वंदे भारत मिल चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15 जनवरी 2023 को आठवीं वंदे भारत को हरी झंडी दिखा चुके हैं। ये वंदे भारत तेलंगाना के सिकंदराबाद से आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम के बीच दौड़ेगी। रैपिड रेल और वंदे भारत इन दोनों में क्या अंतर है? पटरियों पर वंदे भारत और रैपिड रेल इन दोनों में से किसकी रफ्तार ज्यादा तेज है? किसकी डिजाइन अच्छी है और किसकी कीमत ज्यादा है? ये सवाल बहुत से लोगों के मन में हैं। आइए आपको बताते हैं रैपिड रेल और वंदे भारत दोनों में क्या अंतर है और कौन आगे है।

नई वंदे भारत में क्या है खास
नई वंदे भारत एक्सप्रेस सिकंदराबाद से विशाखापट्टनम रुट (Secunderabad-Visakhapatnam Vande Bharat) पर चल रही है। यह ट्रेन 698 किलोमीटर की दूरी सिर्फ 8 घंटे में पूरी कर रही है। नई वंदे भारत रविवार को छोड़कर सप्ताह में छह दिन चलाई जा रही है। यह ट्रेन सिकंदराबाद से निकलकर राजमुंदरी, विजयवाड़ा, खम्मम और वारंगल होते हुए विशाखापट्टनम पहुंचती है। दक्षिण मध्य रेलवे के मुताबिक यह ट्रेन सुबह 5 बजकर 45 मिनट पर विशाखापट्टन से चलेगी और दोपहर 2 बजकर 15 मिनट पर सिकंदराबाद पहुंचती है। वहीं, वापसी में ट्रेन सिकंदराबाद से दोपहर 3 बजे चलकर रात 11 बजकर 30 मिनट पर विशाखापत्तनम पहुंचती है। आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम, राजमुंदरी और विजयवाड़ा स्टेशनों पर और तेलंगाना में खम्मम, वारंगल और सिकंदराबाद स्टेशनों पर इस ट्रेन का ठहराव होगा।

किसकी स्पीड है ज्यादा
वंदे भारत और रैपिड रेल में से किसकी स्पीड ज्यादा है काफी लोग ये जानना चाहते हैं। मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, रैपिड रेल की परियोजना के पहले चरण में यह गाजियाबाद के साहिबाबाद से मेरठ के दुहई तक चलेगी। यह 17 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर होगा। अधिकारियों ने 2023 तक निर्माण पूरा करने का लक्ष्य रखा है। रैपिड रेल की टॉप स्पीड 180 किमी प्रति घंटा बताई गई है, लेकिन ट्रैक पर निर्माण कार्य होने के कारण अभी इसका 160 किमी प्रति घंटा की स्पीड से ट्रायल किया गया है। वहीं वंदे भारत की बात करें तो अभी इस ट्रेन को अधिकतम 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार (Vande Bharat Speed) से दौड़ने की अनुमति मिली हुई है। रेल मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार वंदे भारत एक्सप्रेस की अधिकतम स्पीड 180 किलोमीटर प्रति घंटे की है।

डिजाइन में क्या है अंतर
रैपिड रेल के कोच को इस तरह डिजाइन किया गया है कि यह तेजी से फर्राटा भर सकें। इसमें डायनेमिक रूट मैप, ऑटो कंट्रोल एम्बिएंट लाइटिंग सिस्टम, हीटिंग वेंटिलेशन और एयर कंडीशनिंग सिस्टम और अन्य सुविधाएं होंगी। इनकी डिजाइन काफी शानदार है। वहीं वंदे भारत की बात करें तो यह भी दिखने में काफी आकर्षक है। हालांकि बहुत से लोगों को रैपिड रेल दिखने में ज्यादा अच्छी लग रही है।

ऐसे तैयार किए जाते हैं वंदे भारत के कोच
भारत की पहली सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस अपने लॉन्च के बाद से ही लगातार चर्चा में बनी हुई है। यह देश की पहली इंजनलेस ट्रेन भी है। भारत की इस पहली सेमी हाई स्पीड स्वदेश ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Train) को चेन्नई के इंटीग्रेटेड कोच फैक्ट्री (ICF) में तैयार किया जाता है। ICF देश में इंटरसिटी ट्रैवल को नया आयाम देने वाली इस ट्रेन को ट्रेन 18 के नाम से बनाती है। अपनी तकनीक से लेकर पैसेंजर्स के कंफर्ट तक यह ट्रेन कई मायनों में इंटरनेशनल एक्सपीरिएंस को टक्कर देती है।

रैपिड रेल में ये है खास
रैपिड रेल में कई चीजें खास होंगी। रैपिड रेल में छह कोच होंगे। इनमें से एक कोच महिलाओं के लिए आरक्षित होगा। ट्रेन के अंदर एक बिजनेस क्लास कोच होगा, जिसमें खान-पान का सामान भी मिलेगा। इसमें दायें-बायें दो-दो सीट बैठने के लिए होंगी। ट्रेन में सीट के पास ही मोबाइल चार्जिंग की सुविधा होगी। यात्रियों को ट्रेन के अंदर वाई-फाई सुविधा उपलब्ध होगी। ट्रेन में सामान रखने के लिए अलग से रैक लगी मिलेगी। आपातकालीन स्थिति में ट्रेन के अंदर स्ट्रेचर पर मरीज को ले जा सकेंगे।
दिल्ली-मेरठ के बीच ट्रेन 5 से 10 मिनट के बीच मिला करेगी। इसमें करीब 8 लाख लोग रोजाना यात्रा कर सकेंगे।



Source link