PM SVANidhi Yojna: अब तक 34 लाख से ज्यादा लोगों ने उठाया फायदा, 50000 रुपये का भी लोन; जानिए इसके बारे में सब कुछ


रेहड़ी-पटरी वालों की आर्थिक मदद के लिए 2 जुलाई 2020 को प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि योजना (PM SVANidhi Yojana) को लॉन्च किया गया था। पीएम स्वनिधि योजना के तहत इसकी शुरुआत से लेकर अब तक 34 लाख से अधिक रेहड़ी-पटरी वालों को 3,628 करोड़ रुपये का कर्ज मंजूर किया गया है। PM स्वनिधि स्कीम को आवास व शहरी मामलों के मंत्रालय द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के हिस्से के रूप में लॉन्च किया गया है। योजना के तहत रेहड़ी-पटरी या खोमचे वाले पहली बार में 10,000 रुपये तक का कर्ज प्राप्त कर सकते हैं। पहले के कर्ज के भुगतान पर वे दूसरे और तीसरे चरण में क्रमश: 20,000 रुपये और 50,000 रुपये लोन के तौर पर ले सकते हैं। आइए जानते हैं पीएम स्वनिधि स्कीम के बारे में डिटेल में….

​कौन उठा सकता है फायदा

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स्कीम का फायदा सड़क किनारे ठेले या रेहड़ी-पटरी पर दुकान चलाने वाले, फल-सब्जी, लॉन्ड्री, सैलून और पान की दुकानें लगाने वाले, हॉकर्स आदि ले सकते हैं। हालांकि शर्त है कि वेंडर्स 24 मार्च 2020 या उससे पहले से वेंडिंग कर रहे हों। शहरी क्षेत्रों में वेंडिंग से जुड़े वेंडर्स के अलावा, यह स्कीम उन सेलर्स के लिए भी है, जो शहरी क्षेत्रों के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं और शहर/कस्बे में आकर बिक्री करते हैं व सर्वेक्षण में शामिल नहीं हो पाए हैं। ऐसे सेलर्स को यूएलबी/टाउन वेंडिंग कमिटी से सिफारिश पत्र यानी लेटर ऑफ रिकमंडेशन प्राप्त करना होगा। शहरी स्थानीय निकाय को सामान्य आवेदन के माध्यम से भी अनुरोध कर सकते हैं। अर्बन लोकल बॉडीज की ओर से जारी वेंडिंग सर्टिफिकेट/आईडी कार्ड धारक वेंडर्स के अलावा वे विक्रेता भी लाभ ले सकते हैं, जिनका नाम सर्वेक्षण सूची में है लेकिन उनके पास पहचान पत्र या सर्टिफिकेट ऑफ वेंडिंग नहीं है। ऐसे विक्रेताओं को वेब पोर्टल से एक प्रोविजनल सर्टिफिकेट ऑफ वेंडिंग जारी होगा।

​1 साल के लिए कोलेट्रल फ्री लोन

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पीएम स्वनिधि योजना में शहरी क्षेत्रों के स्ट्रीट वेंडर्स को 1 साल के लिए 10000 रुपये तक का कोलेट्रल फ्री लोन दिए जाने का प्रावधान है। इसका मतलब हुआ कि कर्ज के लिए वेंडर्स को किसी तरह की गारंटी देने की जरूरत नहीं होगी। लोन को मासिक किस्तों में चुकाया जा सकेगा। अगर वेंडर पीएम स्वनिधि स्कीम में मिलने वाले लोन का नियमित पुनर्भुगतान करता है तो उसे 7 फीसदी सालाना की ब्याज सब्सिडी भी मिलती है।

​खाते में कैसे आएगी सब्सिडी

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ब्याज सब्सिडी के पैसे को सीधे लाभार्थी के बैंक खाते में तिमाही आधार पर भेजा जाता है। लोन का समय से पहले भुगतान करने पर सब्सिडी एक ही बार में खाते में आ जाएगी। अगर वेंडर निर्धारित तरीके से डिजिटल ट्रांजेक्शन करता है तो स्कीम के तहत 1200 रुपये सालाना तक का कैशबैक भी दिया जाता है। पहले लोन के समय पर और जल्द भुगतान की स्थिति में लाभार्थी अधिक लोन प्राप्त करने का पात्र हो जाता है, जो कि 20000 रुपये तक है। इसके बाद तीसरे चरण में 50,000 रुपये तक लोन के तौर पर ले सकते हैं।

​कैसे करना है अप्लाई

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  • pmsvanidhi.mohua.org.in या मोबाइल ऐप की मदद से अप्लाई कर सकते हैं।
  • देशभर में फैले कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) के जरिए भी अप्लाई कर सकते हैं।
  • अपने क्षेत्र के बैंकिंग कॉरस्पोन्डेंट/माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशन के एजेंट से भी लोन को लेकर संपर्क कर सकते हैं।
  • पीएम स्वनिधि लोन के लिए अप्लाई करने के लिए वेंडर का मोबाइल नंबर आधार से लिंक होना जरूरी है।
  • लोन के लिए अप्लाई करने के लिए पात्र हैं या नहीं और सर्वेक्षण सूची में नाम है या नहीं, इसके बारे में वेबसाइट से पता कर सकते हैं।

​कौन देता है लोन

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शिड्यूल्ड कमर्शियल बैंक, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक, सहकारी बैंक, स्मॉल फाइनेंस बैंक, नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनियां, माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूंशंस और एसएचजी बैंक लोन प्रदान करते हैं। स्मॉल इंडस्ट्रीज डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया (SIDBI), इस स्कीम के लिए इंप्लीमेंटेशन पार्टनर है। लाभार्थी के लिए अनिवार्य केवाईसी दस्तावेज आधार कार्ड व मतदाता पहचान पत्र हैं। इसके अलावा ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, मनरेगा कार्ड भी केवाईसी दस्तावेजों में शामिल हैं।

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