मोदी ने कहा कि कभी एक जीबी डेटा 300 रुपये में मिलता था लेकिन आज इसकी कीमत 10 रुपये रह गई है। देश का हर यूजर हर महीने औसतन 14 जीबी डेटा का इस्तेमाल करता है। इस हिसाब से पहले उसे 4200 रुपये खर्च करने पड़ते। लेकिन आज इतना डेटा 150 रुपये में आ जाता है। यानी आज गरीब का 4,000 रुपया हर महीने बच रहा है। हमने देश के लोगों की सहूलियत बढ़ाने के लिए काम किया। भारत पहली तीन औद्योगिक क्रांतियों का लाभ नहीं उठा पाया। लेकिन भारत चौथी औद्योगिक क्रांति का लाभ ही नहीं उठाएगा बल्कि इसका नेतृत्व करेगा।
लोकतांत्रिक हो गई है टेक्नोलॉजी
उन्होंने कहा, ‘यह सुखद संयोग है कि कुछ हफ्ते पहले ही भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बना है। हमारे युवाओं के लिए 5जी की मदद से दुनियाभर का ध्यान खींचने वाले इनोवेशन कर सकते हैं। भारत के सामान्य लोग इस टेक्नीक से अपनी चीजों को बेहतर कर सकते हैं। यह दिन हमारे लिए नई प्रेरणा लेकर आया है। इस टेक्नीक का इस्तेमाल करके हम देश को हर क्षेत्र में आगे बढ़ा सकते हैं। युवा पीढ़ी के लिए नए अवसर बनने जा रहे हैं। युवा मिलकर इस दिशा में काम करें।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज टेक्नोलॉजी सही मायने में लोकतांत्रिक हो गई है। जब कोरोना महामारी के कारण दुनिया थमी हुई थी तो हमारे बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे थे। लोगों का इलाज टेलिमेडिसिन के जरिए हो रहा था। ऑफिस बंद थे लेकिन लोग घर से काम कर रहे थे। आज रेहड़ी-पटरी वाला दुकानदार भी यूपीआई से पेमेंट लेने की बात करता है। आज टेलिकॉम सेक्टर में जो क्रांति दिख रही है वह इस बात का सबूत है कि अगर सरकार ईमानदारी से काम करे तो लोगों की नीयत बदलने में देर नहीं लगती है।
नए दौर की दस्तक
उन्होंने कहा कि डिजिटल इंडिया का लक्ष्य लोगों से जुड़ना है। हमारी अप्रोच टुकड़ों में नहीं होनी चाहिए बल्कि हॉलिस्टिक होनी चाहिए। हमने सभी दिशाओं में एक साथ फोकस किया। डेवाइस की कीमत, डिजिटल कनेक्टिविटी, डेटा की कीमत और डिजिटल फर्स्ट की सोच। आत्मनिर्भरता से ही डेवाइस की कीमत सस्ती हो सकती है। 2014 तक मोबाइल फोन आयात करते थे। हमने मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाया। उनकी संख्या दो से बढ़कर अब 200 के ऊपर पहुंच गई है। एक अक्टूबर 2022 की तारीख इतिहास में दर्ज होने वाली है। आज का दिन 130 करोड़ भारतवासियों के लिए नए दौर की दस्तक लेकर आया है। यह अवसरों के अनंत आकाश की शुरुआत है।