Pakistan Economic Crisis : ना रुपया, ना डाॅलर और ना ही पेट्रोल पंप्स में तेल.. जानिए दिवालिया होने के कितने करीब है पाकिस्तान


नई दिल्ली : पाकिस्तान के आर्थिक हालात बेहद खराब (Pakistan economic crisis) हो गए हैं। आईएमएफ (IMF) से बेलआइट पैकेज पाने के लिए पाकिस्तानी सरकार ने एड़ी-चोटी का जोर लगा दिया था। लेकिन बात नहीं बनी। अब स्थिति यह है कि पाकिस्तान दिवालिया (Bankrupt) होने के करीब खड़ा है। पाकिस्तान रुपया (Pakistan Rupee) डॉलर के मुकाबले 275 पर पहुंच गया है। यह ऑल टाइम लो लेवल है। खाने-पीने सहित सभी चीजों के दाम आसमान पर हैं। महंगाई (Inflation) बढ़कर 27 फीसदी से अधिक हो गई है। विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves) की बात करें, तो यह दिनों-दिन घट रहा है। पाकिस्तान का विदशी मुद्रा भंडार 1998 से अब तक के सबसे निचले स्तर पर है। यह केवल 3 अरब डॉलर ही रह गया है। इससे पाकिस्तान एक महीने का आयात भी कवर नहीं कर पाएगा।

आतंकवाद ने डुबोई इकॉनोमी

अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी ने कहा कि आतंकवाद ने पाकिस्तान में एफडीआई को रोक दिया है। साथ ही चीन पर उसकी अवास्तविक निर्भरता ने उसे कर्ज के बोझ तले दबा दिया है। उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान और भारत से खराब संबंधों ने पाकिस्तान के लिए व्यापार के मौके सीमित कर दिये हैं। वैश्विक रणनीतिक विशेषज्ञों का भी कहना है कि पाकिस्तान एक अभूतपूर्व कूटनीतिक और राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है। अब इस्लामी जगत में पाकिस्तान के मित्रों को भी लगता है कि उसे पहले अपना घर दुरुस्त करना होगा। कट्टरपंथी इस्लामी ग्रुप्स को उसकी जमीन इस्तेमाल करने से रोकना होगा। आइए कुछ पाइंट्स से समझते हैं कि इस समय पाकिस्तान कि आर्थिक स्थिति कैसी है।

1. दिवालिया होने के करीब
दुनिया का पांचवां सबसे अधिक आबादी वाला देश श्रीलंका और वेनेजुएला को फॉलो करते हुए दिवालिया होने के करीब है।

2. पाताल में पहुंच रहा पाकिस्तानी रुपया
पाकिस्तानी रुपया डॉलर के मुकाबले लगातार गिर रहा है। यह डॉलर की तुलना में गिरकर 275 पर पहुंच गया है।

3. महंगाई चरम पर
पाकिस्तान में महंगाई करीब 50 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गई है। जनवरी 2023 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में 27.6% का इजाफा हुआ। वहीं, थोक मूल्य सूचकांक बढ़कर 28.5% हो गया।

4. विदेशी मुद्रा भंडार
विदेशी मुद्रा भंडार लगातर गिरता जा रहा है। यह 3 अरब डॉलर से भी कम रह गया है। इससे एक महीने के आयात को भी कवर नहीं किया जा सकता है।

5. रुला रही महंगाई
महंगाई का बुरा हाल है। आवश्यक वस्तुओं जैसे गेहूं, प्याज, गैस सिलेंडर आदि की कीमतों में भारी इजाफा हुआ है। जनवरी 2022 में 20 किलो गेहूं के आटे के बैग की औसत कीमत 1,164.8 पाकिस्तानी रुपया थी। यह जनवरी 2023 में 50% की वृद्धि के साथ 1,736.5 PKR तक पहुंच गया।

6. बंद होगा 5,000 का नोट
पाकिस्तान बिजनेस काउंसिल ने इकॉनमी को स्टेबल करने के लिए 5,000 रुपये के नोट को बंद करने का सुझाव दिया है।

7. नहीं मिला बेलआउट पैकेज
पाकिस्तान को आस थी कि आईएमएफ से 1.1 अरब डॉलर का बेलआइट पैकेज मिल जाएगा। लेकिन आईएमएफ के साथ बातचीत सफल नहीं हो पाई। यह बेलआउट पैकेज का उद्देश्य पाकिस्तान को दिवालिया होने से रोकना था।

8. डिफॉल्ट होने की आशंका
पाकिस्तान के अपनी बाहरी देनदारियों पर डिफॉल्ट होने की आशंका है। आईएमएफ का फंड इसे रोक सकता था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, लेकिन इससे महंगाई भयंकर बढ़ जाती। पाकिस्तान ने 2019 में 6 अरब डॉलर के IMF प्रोग्राम पर साइन किए थे। इसे पिछले साल बढ़ाकर 7 अरब डॉलर कर दिया गया था। 1980 के दशक के आखिर से पाकिस्तान आईएमएफ से अपने 13वें बेलआउट में है।

9.सूख गए पेट्रोल पंप
पाकिस्तान के पंप्स में पेट्रोल नहीं है। पाकिस्तान के पंजाब क्षेत्र के ज्यादातर पेट्रोल पंपों पर पिछले महीने पेट्रोल खत्म हो गया। इससे लोगों की दिनचर्या बाधित हो गई है। पाकिस्तान पेट्रोलियम डीलर एसोसिएशन (PPDA) ने कहा, ‘लाहौर में कुल 450 पंपों में से लगभग 70 सूखे हैं। पेट्रोल की कमी के कारण जिन इलाकों में पंप बंद हैं, उनमें शाहदरा, वाघा, लिटन रोड और जैन मंदार शामिल हैं।’ गौरतलब है कि पाकिस्तान की तेल कंपनियां आर्थिक संकट और गिरती करेंसी के कारण खत्म होने के कगार पर हैं।

10. पावर आउटेज
पिछले महीने पाकिस्तान का “नेशनल ग्रिड” टूटने के कारण देशव्यापी बिजली समस्या का सामना करना पड़ा था। कराची, इस्लामाबाद, लाहौर और पेशावर में बिजली नहीं होने की सूचना मिली थी।

11. पाकिस्तान में आर्थिक संकट की वजह
पाकिस्तान काफी हद तक आयात पर निर्भर है। पाकिस्तान के आयात में भारी इजाफा देखा गया है और निर्यात काफी हद तक स्थिर रहा है। इससे हाल के वर्षों में व्यापार घाटा काफी बढ़ गया। पाकिस्तान के निर्यात में मुख्य रूप से कपड़ा और कृषि से संबंधित सामान शामिल हैं और इसमें तकनीक का बेहद अभाव है।

12. पाकिस्तान का बढ़ता कर्ज
पाकिस्तान के खर्चे भी बढ़ रहे हैं। उधारी के उच्च स्तर पर पहुंचने के कारण वित्त वर्ष 2022 में कुल कर्ज और देनदारियां 59,697.7 अरब पाकिस्तानी रुपये (जीडीपी का 89%) तक पहुंच गईं। मार्च 2022 तक पाकिस्तान का बकाया कुल द्विपक्षीय ऋण में से चीन का लगभग 35% हिस्सा है।



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