OMG! रोमांचक रहा 100 से ज्यादा पाड़ों का दंगल, जब लड़ते-लड़ते 15000 की भीड़ में घुसे पाड़े… देखें VIDEO


रिपोर्ट – अंकुश मोरे

बुरहानपुर. पाड़ों के शरीर पर बड़े अक्षरों से ​उनके ​नाम लिखे होते हैं, जैसे बादल या सुल्तान. फिर ऐसे दो पाड़ों के बीच मुकाबला होता है. जैसा आपने बकरों या मुर्गों या बैलों का भी देखा, सुना होगा. मध्य प्रदेश के बुरहानपुर से सिर्फ 20 किलोमीटर दूर महाराष्ट्र की सीमा पर इस रोमांचक खेल को देखने दर्जनों की संख्या में प्रतिभागी और हज़ारों की संख्या में दर्शक पहुंचते हैं. ग्राम बोदरली में बोदर शाह अलीबाबा और हनुमानजी के मेले के दौरान इस बार भी यह आयोजन किया गया तो मुकाबले के लिए 100 से ज़्यादा पाड़ों को लेकर उनके मालिक आए.

पाड़ों यानी भैंस के शावकों की यह लड़ाई गांव से 2 किलोमीटर दूर जंगल के अंदर 2 एकड़ के मैदान में हुई. लडाई देखने के लिए ज़िले के साथ ही महाराष्ट्र, मुंबई और पुणे तक से 15,000 से ज्यादा लोग पहुंचे. मैदान में पाड़े करीब 5 घंटे तक ज़ोर आज़माइश करते रहे. सबसे ज्यादा देर तक लड़कर 4 ग्राम की सोने की अंगूठी का पहला इनाम बुरहानपुर ज़िले के पाड़े ‘सुल्तान’ ने जीता. मैदान चारों तरफ भीड़ से घिरा था और पाड़ों की लड़ाई के लिए उत्साह ऐसा था कि लोग पाड़े के मालिकों का हौसला बढ़ाने के लिए चिल्लाते नज़र आए.

जब भीड़ में जा घुसे पाड़े और भगदड़ मची

पाड़ों की लड़ाई देखने के लिए सुबह से ही लोगों का मैदान में पहुंचना शुरू हो गया था. दोपहर के दो बजे तक हज़ारों की भीड़ लग गई. पाड़ों को मैदान में ले जाकर एक-एक करके लड़ाई करवाई गई. लड़ाई के दौरान कई बार पाड़े मैदान छोड़कर भागे. लड़ते हुए पाड़े कई बार भीड़ में जा घुसे, जिससे भगदड़ मची रही. इसके बावजूद किसी के ज़ख्मी होने की खबर नहीं है.

31 इंच की एलईडी का दूसरा पुरस्कार नीम पड़ावा पाड़े और तीसरा पुरस्कार चाकबारा के पाड़े ने जीता. पाड़ा लड़ाई देखने के लिए ज़िला पंचायत अध्यक्ष गंगाराम मार्को और ज़िला पंचायत सदस्य अनिल भी मौजूद रहे. पाड़ों की लड़ाई करीब 5 बजे बंद करवा दी गई. कोरोना संक्रमण के 2 साल बाद गांव में मेला लगा तो गांव के सभी घरों से चंदा इकट्ठा कर पाड़ों की लड़ाई का आयोजन भी करवाया गया.

Tags: Bull fight, Mp news



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