नोएडा पुलिस ने छत्तीसगढ़ पुलिस पर दर्ज किया अपहरण का केस


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ग्रेटर नोएडा: कुछ दिनों पूर्व देश की राजधानी दिल्ली में प्रदेश के पुलिस प्रमुखों की बैठक हुई थी। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यों की पुलिस को एकसाथ मिलकर काम करने की बात कही थी। जांच एजेंसियों को आपस में जानकारियां और सूचनाएं साझा करने की भी बात कही गई थी, लेकिन दिल्ली से सटा हुए उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा से एक ऐसा मामला सामने आया, जिससे यह तो नहीं लगता कि पुलिस एजेंसियां आपसी तालमेल से काम कर रही हैं। 

शनिवार को ग्रेटर नोएडा के सूरजपुर कोतवाली क्षेत्र के एलेस्टोनियो अपॉर्टमेंट के फ्लैट से ऑनलाइन सट्टा लगवाने के आरोप में छत्तीसगढ़ पुलिस ने 9 लोगों को गिरफ्तार किया था  अब यूपी पुलिस ने छत्तीसगढ़ के पुलिसकर्मियों पर अपहरण का केस दर्ज किया गया है। छत्तीसगढ़ के दुर्ग पुलिस ने सूरजपुर कोतवाली पुलिस को सूचना दिए बिना ही शनिवार को कार्रवाई की थी। सोमवार को पुलिस ने सोसाइटी के मेंटेनेंस मैनेजर की शिकायत पर केस दर्ज किया है। 

सूरजपुर कोतवाली में दर्ज कराई गई है FIR 

सोसायटी के मेंटेनेंस मैनेजर विनोद कसाना ने सूरजपुर कोतवाली में दर्ज कराई गई अपनी रिपोर्ट में कहा है कि शनिवार को दोपहर लगभग 3 बजे दो वाहन सवार होकर कुछ लोग सोसाइटी में पहुंचे। वे खुद को छत्तीसगढ़ के पुलिसकर्मी बता रहे थे और दुर्ग से आए थे। उन्होंने टावर नंबर 1 ए फ्लैट नंबर 901 के संबंध में पूछा। इसके बाद वहां फ्लैट में रहने वाले लोगों से मिलने आए अंकित कनौजिया, विशाल कुशवाहा व उनके साथियों को कार समेत बिना बताए लेकर चले गए। शिकायत के आधार पर पुलिस ने केस दर्ज किया है। 

छत्तीसगढ़ पुलिस ने 9 लोगों को किया था गिरफ्तार 

इससे पहले छत्तीसगढ़ पुलिस ने महादेव बुक ऐप के आदि के जरिए ऑनलाइन सट्टा लगवाने के आरोप में 9 लोगों गिरफ्तार किया था। लेकिन छग पुलिस ने लोकल पुलिस को बिना जानकारी दिए ये कार्रवाई की थी। उधर, छत्तीसगढ़ पुलिस ने पकड़े गए आरोपियों को साथ लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की। इसमें छत्तीसगढ़ पुलिस ने यह दावा किया है कि ग्रेटर नोएडा में महादेव बुक ऐप के जरिए ऑनलाइन सट्टा लगाया जा रहा था। ऐप के संचालक दुबई के बताए गए हैं। इसके जरिए क्रिकेट व अन्य खेलों में रुपया लगवा कर ही वॉलेट और किराए पर लिए गए और सेल कंपनी के खाते में रुपए ट्रांसफर किए गए हैं। पुलिस के मुताबिक ऐप के तार दाऊद इब्राहिम की डी कंपनी और नक्सलवादियों से जुड़े हो सकते हैं।

 

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