Namami Gange Mission: पीएम को मिले गिफ्ट खरीदकर आप भी दे सकते हैं नमामि गंगे मिशन में योगदान, यहां जानिए कैसे


नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) गंगा तट पर स्थित वाराणसी से चुनकर 2014 में पहली बार संसद पहुंचे थे। तब उन्होंने कहा था कि मां गंगा की सेवा करना मेरे भाग्य में है। अपने इस संकल्प को पूरा करने, गंगा के प्रदूषण को खत्म करने और इसे पुनर्जीवित करने के लिए उन्होंने नमामि गंगे मिशन का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री को देश-विदेश में भेंट किए गए विशिष्ट उपहारों को ई-ऑक्शन में रखा जाता है। इससे मिली धनराशि मां गंगा को निर्मल और अविरल बनाने के लिए प्रयोग में लाई जाती है। भारत की सभ्यता, संस्कृति और विरासत की प्रतीक पावन नदी गंगा की सुरक्षा के लिए ई-ऑक्शन के माध्यम से योगदान देने का यह एक विशेष अवसर है।

पिछले साल हुए ई-ऑक्शन में लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था और विभिन्न वस्तुओं को खरीदकर नमामि गंगे मिशन में अपना योगदान दिया। ई-ऑक्शन में सफल बोली लगाने वालों में कर्नाटक के उडुपी के निवासी के. रंगनाथ अचर भी थे। उन्होंने भगवान कार्तिकेय की एक आकर्षक तस्वीर खरीदी। यह तस्वीर प्रधानमंत्री को तमिलनाडु के डी पुष्प राज ने दी थी। इसका बेस प्राइस 1000 रुपये था और अचर ने 6,000 रुपये की बोली लगाकर इसे खरीदा। उन्होंने कहा कि यह तस्वीर तमिलनाडु से नई दिल्ली होते हुई कर्नाटक पहुंची है।

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स्पीड पोस्ट से घर पहुंची तस्वीर
इस अनुभव को साझा करते हुए अचर ने बताया कि पिछले साल सितंबर में उन्हें इस ई-ऑक्शन की जानकारी मिली। मणिपाल से प्रकाशित होने वाले उदयवाणी समाचार पत्र में उन्होंने पढ़ा कि प्रधानमंत्री को मिले उपहारों को ई-ऑक्शन में रखा गया है और इससे मिलने वाली धनराशि नमामि गंगे मिशन के पुनीत कार्य में लगाई जाएगी। उन्होंने कहा कि यह ई-ऑक्शन एक ऐसे कार्य के लिए था जो उनके हृदय के काफी करीब है। ऐसे में भगवान कार्तिकेय की तस्वीर को खरीदने से वह स्वयं को नहीं रोक पाए और बोली लगा दी।

उनकी बोली सफल रही और उन्हें अपने घर पर स्पीड पोस्ट के माध्यम से नई दिल्ली से भेजी गई तस्वीर प्राप्त हुई। ई-ऑक्शन से लेकर तस्वीर के उनके घर पहुंचने की प्रक्रिया में कुल छह हफ्ते का समय लगा। ईश्वर में असीम श्रद्धा रखने वाले अचर ने भगवान कार्तिकेय की तस्वीर पूरे श्रद्धाभाव के साथ तुरंत पूजा के कमरे में रख दी और अपने परिवार, देश और प्रधानमंत्री के लिए प्रार्थना की। वह गर्व से बताते हैं कि ई-ऑक्शन से मिली तस्वीर उनके जीवन की एक ऐसी अमूल्य धरोहर है जिसे वह हमेशा संजो कर रखेंगे।



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