हिंडनबर्ग की तरह आप भी शॉर्ट सेलिंग से कर सकते हैं तगड़ी कमाई, जानिए कैसे करते हैं शार्ट सेल, क्या होता है ये


नई दिल्ली: शेयर बाजार (Stock Market) में शार्ट सेलिंग से भी तगड़ा मुनाफा कमाया जा सकता है। अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग (Hindenburg Research) ने अडानी ग्रुप के शेयरों को शार्ट सेल करके अरबों रुपये कमाए हैं। अडानी ग्रुप से पहले हिंडनबर्ग ने कई कंपनियों के खिलाफ रिपोर्ट पेश की है। अडानी ग्रुप के खिलाफ हिंडनबर्ग ने 24 जनवरी 2023 को रिपोर्ट पेश की थी। इसके बाद से हिंडनबर्ग के शेयरों में जबरदस्त गिरावट देखी जा रही है। अडानी ग्रुप की कंपनियों को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा है। कभी दुनिया के अमीरों की सूची में अहम स्थान रखने वाले गौतम अडानी टॉप 20 से भी बाहर हो गए हैं। इन सभी कंपनियों की रिपोर्ट सामने लाने से पहले हिंडनबर्ग ने इनके शेयरों को शार्ट सेल किया है। हिंडनबर्ग एक शॉर्ट सेलिंग (Short Selling) कंपनी है। वो एक इंवेस्टमेंट कंपनी भी है। कंपनी की प्रोफाइल के मुताबिक, ये रिसर्च फर्म एक एक्टिविस्ट शॉर्ट सेलर है। कंपनी ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि वो एक एक्टिविस्ट शॉर्ट सेलर कंपनी है। हिंडनबर्ग शॉर्ट सेलिंग करके ही कमाई करती है। आप भी हिंडनबर्ग की तरह शार्ट सेलिंग करके शेयर बाजार में तगड़ी कमाई कर सकते हैं। आईए आपको बताते हैं शॉर्ट सेलिंग क्या होती है और इससे किस तरह से कमाई की जाती है।

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क्या होती है शॉर्ट सेलिंग

शॉर्ट सेलिंग एक ट्रेडिंग या निवेश रणनीति है। इसमें कोई व्यक्ति किसी खास कीमत पर स्टॉक या सिक्योरिटीज खरीदता है और फिर कीमत ज्यादा होने पर उसे बेच देता है, जिससे फायदा होता है। आसान शब्दों में कहें तो शॉर्ट सेलिंग एक ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी है। इसमें किसी शेयर की कीमत गिरने पर पैसा कमाया जाता है। अगर किसी निवेशक को पता हो कि किसी कंपनी के शेयरों में आने वाले समय में गिरावट आ सकती है तो वह उस कंपनी के शेयरों को खरीदकर गिरावट आने पर बेच सकता है। इसे शॉर्ट सेलिंग कहते हैं। हिंडनबर्ग भी इसी तरह से कमाई करते हैं। हिंडनबर्ग ने अमेरिका में अडानी कंपनी के बॉन्ड की शॉर्ट पोजिशन ली है और इसके बारे में उन्होंने खुद जानकारी दी है। शॉर्ट सेलिंग को ऐसे समझिए कि अगर एक शॉर्ट सेलर 500 रुपये के स्टॉक को 300 रुपये के स्तर तक गिरने की उम्मीद करता है, तो वह मार्जिन अकाउंट का इस्तेमाल करके ब्रोकर से स्टॉक उधार ले सकता है और सेटलमेंट पीरियड से पहले उसी स्टॉक को वापस खरीद सकता है। शॉर्ट सेलर 500 रुपये के शेयर को 300 रुपये तक गिरने पर वापस खरीदने की उम्मीद के साथ बेच देगा। अगर स्टॉक असल में गिरता है, तो स्टॉक सेलर शेयर वापस खरीदता है और अपनी अपनी पॉजिशन को क्लोज कर देता है। अगर शेयर 100 रुपये में बेचा गया और उसे 85 रुपये पर वापस खरीद लिया गया तो हर शेयर पर 15 रुपये का मुनाफा हुआ।

कैसे करते हैं शॉर्ट सेलिंग?

बाजार में शॉर्ट सेलिंग तीन तरीके से हो सकती है। पहला – कैश, दूसरा – ऑप्शन, तीसरा – फ्यूचर्स। यहां ध्यान देनी वाली बात है कि कैश में केवल इंट्रडे शॉर्ट सेलिंग हो सकती है, जबकि ऑप्शन और फ्यूचर्स में लिए गए शॉट्स को कैरी फॉरवर्ड किया जा सकता है। बता दें, शॉर्ट सेलिंग पर नियामक कड़ी निगरानी रखता है और कोई भी गड़बड़ी मिलने पर तुरंत कार्रवाई करता है। आसान भाषा में कहें तो शॉर्ट सेलिंग वह होती है, जिसमें ट्रेडर अपने पास न होते हुए भी शेयर को बेच देता है। ये बाजार में मार्जिन पर बेचे जाते हैं और बाद में कीमत नीचे गिरने पर खरीद लिए जाते हैं।

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हिंडनबर्ग ने इन कंपनियों के शेयरों को भी किया था शार्ट

हिंडनबर्ग ने अडानी के शेयरों की शॉर्ट पोजिशन लेने के बाद ये रिपोर्ट निकाली थी। रिपोर्ट के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में तेजी से गिरावट आई और यहीं पर हिंडनबर्ग ने अच्छा खासा मुनाफा कमा लिया। हिंडनबर्ग अडानी ग्रुप से पहले भी कई बड़ी कंपनियों के खिलाफ ऐसी रिपोर्ट जारी कर चुका है। हिंडनबर्ग ने Nikola, SCWORX , Genius Brand, Ideanomic , उसने विंस फाइनेंस, जीनियस ब्रांड्स, SC Wrox, एचएफ फूड, ब्लूम एनर्जी, Aphria, ट्विटर इंक जैसी कंपनियों के खिलाफ रिपोर्ट निकाले हैं। इस रिपोर्ट के कारण जब शेयर के भाव गिरे तो हिंडनबर्ग ने प्रॉफिट कमा लिया।



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