हिंडनबर्ग- अडानी विवाद के बीच अब एलआईसी के चेयरमैन ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने अडानी ग्रुप से शीर्ष प्रबंधन से शीघ्र मुलाकात करने की बात कही है।
Business
oi-Mukesh Pandey


अडानी
समूह
को
लेकर
हिंडनबर्ग
की
रिपोर्ट
के
बाद
अडानी
के
शेयरों
में
बीते
दिनों
गिरावट
देखी
गई।
जिसके
बाद
समूह
ने
कई
अहम
निर्णय
लिए।
इस
बीच
विपक्षी
दलों
ने
केंद्र
की
भाजपा
नेतृत्व
वाली
सरकार
और
अडानी
ग्रुप
को
जमकर
निशाने
पर
लिया
वहीं
अब
एलआईसी
के
अध्यक्ष
एमआर
कुमार
ने
गुरुवार
को
कहा
कि
सार्वजनिक
क्षेत्र
की
बीमा
कंपनी
के
अधिकारी
जल्द
ही
अदानी
समूह
के
शीर्ष
प्रबंधन
से
मिलेंगे।
बृहस्पतिवार
को
एलआईसी
के
चेयरमैन
की
ओर
दिया
गया
बयान
बेहद
अहम
है।
दरअसल
विपक्ष
सड़क
से
संसद
तक
इस
मुद्दे
पर
सरकार
को
घेरने
की
कोशिश
में
है।
दावा
किया
जा
रहा
है
कि
यूएस-आधारित
शॉर्ट-सेलर
हिंडनबर्ग
रिसर्च
की
अडानी
ग्रुप
को
लेकर
रिपोर्ट
आने
बाद
समूह
के
शेयर
गिरे।
दरअसल,
रिपोर्ट
में
कहा
गया
है
कि
अडानी
की
कंपनियां
शेयर
की
कीमतों
का
प्रबंधन
और
हेरफेर
करती
हैं।
राउंड-ट्रिपिंग
के
लिए
अपतटीय
शेल
कंपनियां
चलाते
हैं
और
कॉर्पोरेट
प्रशासन
प्रथाओं
का
पारदर्शी
तरीके
पालन
नहीं
किया
जाता।
हालांकि
अडानी
समूह
ने
इन
आशंकाओं
के
खंडन
किया
है।
वहीं
बृहस्पतिवार
को
एलाईसी
के
चेयरमैन
ने
कहा
कि
“हम
उन्हें
(अडानी
प्रबंधन)
जल्द
ही
यह
जानने
के
लिए
बुलाएंगे
कि
वे
पूरे
इस
संकट
का
प्रबंधन
कैसे
कर
रहे
हैं।
हालांकि
हमारी
निवेशक
टीम
ने
पहले
ही
अडानी
से
स्पष्टीकरण
मांगा
है,
हमारा
शीर्ष
प्रबंधन
उनसे
संपर्क
कर
सकता
है
क्योंकि
हम
परिणाम
तैयार
करने
में
व्यस्त
हैं।
हम
जल्द
ही
उन्हें
हमसे
मिलने
और
समझाने
के
लिए
बुलाएंगे।
हम
समझना
चाहते
हैं
मार्केट
और
समूह
में
किस
तरह
का
व्यवहार
किया
जा
रहा
है।
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पुतिन
से
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भारत-रूस
की
रणनीतिक
साझेदारी
पर
अहम
चर्चा
हिंडनबर्ग
की
रिपोर्ट
से
अडानी
संकट
अडानी
समूह
की
ओर
अडानी
इंटरप्राइजेज
का
20
करोड़
का
एफपीओ
रद्द
कर
दिया
गया।
इस
फैसले
बाद
कहा
गया
कि
निवेशकों
के
उनके
पैसे
लौटाए
जाएंगे।
ये
स्थिति
24
जनवरी
को
हिंडनबर्ग
की
रिपोर्ट
प्रकाशित
होने
के
बाद
देखी
गई,
जब
अडानी
ने
एफपीओ
लांच
से
पहले
ही
इसे
रद्द
करने
का
फैसला
ले
लिया।
24
जनवरी
को
हिंडनबर्ग
रिपोर्ट
के
प्रकाशन
के
बाद
से,
समूह
की
कंपनियों
के
शेयरों
का
मूल्य
100
अरब
अमेरिकी
डॉलर
से
अधिक
तक
गिर
गए।
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English summary
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