नाश्ते और डिनर की तुलना में हेवी रखें अपना लंच, नहीं पड़ेंगे बीमार


घर के बड़े अक्सर ये बात कहते हैं कि आपका नाश्ता बहुत हेल्दी होना चाहिए, जो आपको दिनभर के लिए ऊर्जा दे. ध्यान दें कि आपका नाश्ता हेल्दी होना चाहिए हेवी नहीं. साथ ही आपका लंच हेवी होना चाहिए और रात का खाना बहुत लाइट होना चाहिए. अगर आयुर्वेद के अनुसार बात करें तो आयुर्वेद यह साफ करता है कि नाश्ते में कभी भी ऐसी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए, जो तासीर में ठंडी होती हैं. साथ ही गर्म और ताजा भोजन ही नाश्ते में खाना चाहिए. ऐसा करने से डायजेशन बेहतर रहता है.

दरअसल पूरा आयुर्वेद ही सेहत के मामले में इस बात पर जोर देता है कि आप अपने पाचन तंत्र के अनुसार भोजन का उपयोग करेंगे तो सदैव निरोग रहेंगे. इसीलिए कहा जाता है कि दोपर का भोजन यानी आपका लंच आपके दिन का सबसे हेवी भोजन होना चाहिए. यानी आप इस भोजन में ऐसी दालें और फूड्स खा सकते हैं, जिन्हें पचने में अधिक समय लगता है. जैसे, राजमा, उड़द, छोले, चने इत्यादि. 

क्योंकि दोपहर के समय पाचकाग्नि सबसे अधिक  हाई होती है. आप अपने डायजेशन और पाचन ऊर्जा के समझने में सूर्य की मदद ले सकते हैं. जैसे, जब दिन निकलता है तो सूरत की रोशनी हल्की और सॉफ्ट होती है. इसी तरह पाचकाग्नि भी मंद होती है, जो धीरे-धीरे तीव्र हो रही होती है और दोपहर के समय सबसे अधिक होती है. जैसे सूरत की धूप दोपहर में सबसे तेज होती है.

जैसे-जैसे दिन ढलने लगता है, वैसे-वैसे पाचनतंत्र की ऊर्जा भी मंद होने लगती है. इसीलिए कहा जाता है कि आपका रात का भोजन बहुत लाइट होना चाहिए. ताकि आपका पाचनतंत्र इसे आसानी से पचा सके. यदि आप भोजन चुनते समय पाचनतंत्र का ध्यान रखेंगे तो आपका पाचनतंत्र आपको कभी बीमार नहीं पड़ने देगा. साथ ही आपकी इम्युनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता सदैव अच्छी बनी रहेगी.

Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों व दावों की एबीपी न्यूज़ पुष्टि नहीं करता है. इनको केवल सुझाव के रूप में लें. इस तरह के किसी भी उपचार/दवा/डाइट पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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