मूर ने साल 1975 में इस नियम को रिवाइज किया था। लेकिन यह आज भी चिप इंडस्ट्री के लिए पैमाना बना हुआ है। आईफोन बनाने वाली अमेरिका की दिग्गज टेक कंपनी एपल (Apple) के सीईओ टिम कुक (Tim Cook) ने मूर के निधन पर शोक जताते हुए कहा कि वह सिलिकॉन वैली (Silicon Valley) के फाउंडिंग फादर्स में से एक थे। वह एक विजिनरी थे जिन्होंने तकनीकी क्रांति में मदद की। इसी तरह गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट के सीईओ सुंदर पिचाई (Sundar Pichai) ने कहा कि उनके विजन ने हममें से कई लोगों को टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। वह मेरे लिए प्रेरणास्रोत थे।
भोपाल गैस कांड से क्या है कनेक्शन?
मूर ने 1954 में कैलटेक से फिजिक्स और केमिस्ट्री में डॉक्ट्रेट की डिग्री ली थी। उन्होंने Shockley Semiconductor Laboratory में काम किया। 1957 में मूर और उनके सात अन्य सहयोगियों ने Fairchild की स्थापना की। Shockley ने इन लोगों को आठ गद्दार (Traitorous Eight) नाम दिया था। इनमें Robert Noyce भी शामिल थे। Noyce ने 1950 के दशक में इंटिग्रेटेड सर्किट बनाने में मदद की थी। इसे आज भी चिप डिजाइन का आधार माना जाता है। Noyce का 1990 में निधन हो गया था।
Noyce और मूर ने साल 1968 में इंटेल की स्थापना की थी। इसका नाम इंटिग्रेटेड इलेक्ट्रॉनिक्स (integrated electronics) का छोटा रूप था। साल 1971 में इंटेल ने पहला माइक्रोप्रोसेसर उतारा था जिसमें 2,000 से भी अधिक ट्रांजिस्टर्स लगे थे। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक इंटेल की शुरुआत कैलिफोर्निया के माउंटेन व्यू में यूनियन कार्बाइड (Union Carbide) की बंद पड़ी एक फैक्ट्री से हुई थी। यह अमेरिका की वही केमिकल कंपनी है जिसके भोपाल प्लांट में गैस के रिसाव से हजारों लोग मारे गए थे। दो दिसंबर 1984 की रात यूनियन कार्बाइड की फैक्ट्री से मिथाइल आइसोसाइनेट गैस लीक हुई थी।