स्किन का कलर पड़ने लगे फीका तो फिर डरने वाली है बात, तुरंत डॉक्टर से मिलें


Vitiligo Leukoderma Symptoms: सफेद दाग (vitiligo leucoderma) को लेकर आसपास में कई तरह की बातें सुनने को मिलती है. आपके मन में भी कई सवाल उठते होंगे आखिर कैसे होता है ये सफेद दाग?, अचानक तो नहीं होती होगी ये बीमारी. इसके शुरुआती लक्षण क्या हैं? सफेद दाग होने के बाद शरीर पर इसका क्या असर होता है? सफेद दाग हो जाए तो क्या करना चाहिए? ऐसे कई सारे सवालों के जवाब हम इस आर्टिकल के जरिए देने की कोशिश करेंगे.

सफेद दाग को लेकर लोगों के मन में एक अजीब सा डर है. सिर्फ इतना ही नहीं कई लोग इस बीमारी को छुआछूत, कुष्ठ रोग, पूर्व जन्म का पाप और पता नहीं कई सारे नामों से बुलाते हैं. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि यह कोई पूर्व जन्म का पाप नहीं बल्कि आपके शरीर में हार्मोनल चेंजेज के कारण होता है. वहीं कई लोगों का कहना है कि गलत खान-पान की वजह से भी यह बीमारी हो जाती है. 

सफेद दाग पर डॉक्टर्स की राय
डॉक्टर्स के मुताबिक जब किसी भी व्यक्ति के शरीर में ‘मेलेनोसाइट्स’ यानी स्किन का रंग बनाने वाली कोशिकाएं नष्ट हो जाती है तो उसे ‘ल्यूकोडर्मा’ या ‘विटिलिगो’ या सफेद दाग की बीमारी हो जाती है. कई विशेषज्ञों का मानना है कि यह बीमारी जेनेटिक भी हो सकती है. स्किन स्पेशलिस्ट के मुताबिक जिन व्यक्तियों को थायराइड की प्रॉब्लम होती है. उन्हें भी इस बीमारी होने का खतरा रहता है. मेडिकल साइंस के मुताबिक इसका इलाज करके इसे बिल्कुल ठीक नहीं किया जा सकता है, लेकिन इसे कुछ हद तक कम किया जा सकता है. लेकिन यह पूरी तरह से ठीक नहीं होता. 

सफेद दाग या विटिलिगो के शुरुआती लक्षण

  • सफेद दाग के शुरुआती लक्षणों में है स्किन का रंग जगह- जगह फीका पड़ जाना या सफेद पड़ना.
  • इसकी शुरुआत सबसे पहले होती है हाथ, पैर, चेहरा, होंठ. यह ऐसी जगह है जहां डायरेक्ट सूरज की रोशनी पड़ती है.
  • बाल का रूखा होना, दाढ़ी और आईब्रो का रंग उड़ जाना या सफेद हो जाना.
  • आंख के रेटिना की परत का रंग फीका पड़ जाना.
  • मेडिकल साइंस की भाषा में बोले तो यह बताना मुश्किल है कि सफेद दाग का रोग एक बार हो जाने के बाद कितना बढ़ सकता है. कई बार सही इलाज से नई दाग बनने बंद हो जाते हैं. ज्यादातर मामलों में सफेद दाग धीरे- धीरे बढ़ने लगते हैं और शरीर के सभी हिस्सों में फैल जाते हैं. 

सफेद दाग होने के बाद शरीर में दिखते हैं ये बदलाव-

सोशल और साइकोलॉजिकल प्रेशर

भारतीय समाज में सफेद दाग की बीमारी को छुआछूत से जोड़कर देखा जाता है. जिसकी वजह से इसके मरीज है उन पर एक सामाजिक और मनोवैज्ञानिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. 

स्किन कैंसर
इस बीमारी की वजह से सनबर्न और स्किन कैंसर होने का खतरा बढ़ जाता है. 

आंख संबंधी बीमारियां
सफेद दाग शरीर पर कई तरह के प्रभाव डालता है. जैसे- आंखों में दिक्कतें शुरू होना. आइरिस में जलन के साथ-साथ सूजन.

बहरापन
सुनने की क्षमता में कमी आना.

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