Housing Price Rise: महंगे होम लोन के बाद घर हुआ महंगा 8 बड़े शहरों में बढ़ी कीमत


Publish Date: | Tue, 16 Aug 2022 08:27 PM (IST)

Housing Price Rise: होम लोन के बाद अब घरों की कीमतों में भी इजाफा होने लगा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक देश के आठ बड़े शहरों में 2022-23 की पहली तिमाही अप्रैल से जून के बीच रेसिडेंशियल संपत्ती की कीमतों में पांच फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। रियल एस्टेट कंपनियों की बॉडी क्रेडाई, रियल एस्टेट कंसलटेंट कोलियर्स इंडिया और डेटा एनालिटिक फर्म लियासेस फोरास ने हाउसिंग प्राइस ट्रैकर रिपोर्ट 2022 जारी किया है। जिसके मुताबिक 8 प्रमुख शहरों में दिल्ली-एनसीआर, मुंबई मेट्रोवॉलिटन रीजन, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद, पुणे और अहमदाबाद शामल है। रिपोर्ट में कहा गया कि आवास की कीमतों ने कोरोना महामारी के पहले के स्तर को पार कर लिया है। मांग और आपूर्ति दोनों में मजबूती आई है।

आंकड़ों के अनुसार अप्रैल-जून तिमाही के दौरान अहमदाबाद में आवास की कीमतें 9 प्रतिशत बढ़कर 5927 रुपए प्रति वर्ग फुट हो गई। बेंगलुरु में 4 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। चेन्नई में प्रॉपर्टी का रेट 1 प्रतिशत की वृद्धि के साथ 7129 रुपए प्रति वर्ग फुट हो गया है। वहीं हैदराबाद में घरों का बेसिक कीमत 9218 रुपए प्रति वर्ग फुट था, जो एक वर्ष पहले की अवधि से आठ प्रतिशत ज्यादा है। कोलकाता में आवासीय संपत्तियों की कीमतें 8 प्रतिशत बढ़कर 6362 रुपए प्रति वर्ग फुट हो गई है। सबसे महंगे रियल एस्टेट बाजार एमएमआई मुंबई में आवास की कीमत 19,677 रुपए प्रति वर्ग फुट रही। पुणे में जून तिमाही के दौरान आवास की कीमतों में 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई। यह 7681 रुपए प्रति वर्ग फुट हो गया।

चेन्नई में आवास की कीमतों में 13 प्रतिशत की गिरावट हुई है। पश्चिम पूनमल्ली में सबसे ज्यादा 13 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। कोलकाता दक्षिण-पश्चिम और हावड़ा में भी 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी देखी गई। मुंबई के उपनगरों में कीमतों में 12 फीसदी की वृद्धि हुई। दिल्ली-एनसीआर में घर की कीमतों में सबसे अधिक बढ़ोतरी हुई है। यहां कीमत 10 प्रतिशत बढ़कर 7434 रुपए प्रति वर्ग फुट हो गई।

क्रेडाई के हर्षवर्धन पटोदिया ने कहा कि होम लोन पर ब्याज दरों में वृद्धि के कारण मांग पर मामूली असर पड़ सकता है। सितंबर में बिक्री में वृद्धि रहेगी। कोलियर्स इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रमेश नायर ने बताया कि आगामी त्योहारी सीजन में मार्केट में मांग बनी रहने की संभावना है। इसके कारण ब्याज दरों में बढ़ोतरी के बावजूद बिक्री अधिक होगी।

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