India
oi-Bhavna Pandey

32 Former Women Air Force Officers: भारतीय वायुसेना (IAF) में सलेक्शन के बाद नौकरी पाने के लिए 32 महिला अधिकारियों ने अपनी नौकरी के 12 साल कानूनी लड़ने में ही काट दिए। जब कोर्ट से फैसला उनके पक्ष में आया और उन्हें नौकरी पर रखा गया तो उनके रिटायटमेंट का समय आ गया और उन्हें रिटायरमेंट होना पड़ा। वहीं अब इन 32 महिला अधिकारियों को दिल्ली हाईकोर्ट में ऐतिहासिक जीत मिली है।

मिलेगी 20 साल तक वायु सेना को सेवा देने वाले अधिकारियों जितनी पेंशन
दिल्ली उच्च न्यायालय के एक ऐतिहासिक फैसले सुनाया और इन 32 एयर फोर्स की महिला आधिकारियों को पूर्ण पेंशन दी गई है, जो भारतीय वायु सेना में अपने पांच साल के शॉर्ट सर्विस कमीशन कार्यकाल से अधिक समय से सेवा के अधिकार के लिए संघर्ष कर रही हैं। यह पूरी पेंशन 20 साल तक सेवा देने वाले अधिकारियों के बराबर है।
जानें क्यों लड़नी पड़ी इन महिला अधिकारियों को कानूनी लड़ाई
ये भारतीय वायु सेना, या IAF की वो महिला अधिकारी हैं जिन्हें अपना केस जीतने से पहले अंततः सेवानिवृत्त होना पड़ा क्योंकि उनकी कानूनी लड़ाई 12 साल तक चली। इनमें तीन अधिकारी विधवा हैं जिन्होंने राष्ट्र की सेवा में अपने पति को खो दिया था और उन्हें अनुकंपा के आधार पर भारतीय वायुसेना में एक कमीशन दिया गया था।
दिल्ली हाईकोर्ट ने सुनाया ये ऐतिहासिक फैसला
बुधवार को दिल्ली हाईकोर्ट ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए आदेश पारित किया। दिल्ली उच्च न्यायालय ने सर्वोच्च न्यायालय के 2020 के बबिता पुनिया के आदेश पर बहुत अधिक भरोसा जताया, जिसमें कहा गया था कि सशस्त्र बलों में महिलाओं के लिए भेदभावपूर्ण भर्ती या भर्ती प्रथा है, जिन्हें उन पदों से बाहर रखा गया था, जिनके वे अन्यथा हकदार थे।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने महिला अधिकारियों को बनाया और मजबूत
बता दें सर्वोच्च न्यायालय के आदेश ने सशस्त्र बलों में महिला अधिकारियों के सेवा में वृद्धि का रास्ता मजबूत किया। अब उनके पास एक पूर्ण करियर सेवा करने का विकल्प है, जो पहले अधिकतम 10 या 14 साल तक सीमित था।
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English summary
Historical victory of 32 former women Air Force officers who fought legal battle for 12 years, will get full pension