इस तरह निकाली रिपोर्ट
हिंडनबर्ग रिसर्च ने दावा किया है कि उसने अडानी ग्रुप पर रिपोर्ट दो साल की तहकीकात के बाद निकाली है। हिंडनबर्ग ने साल 2020 में निकोला के खिलाफ भी रिपोर्ट निकाली थी। इसमें निकोला के शेयर 94 फीसदी तक गिर गए थे। आपको बता दें कि हिंडनबर्ग एक इन्वेस्टमेंट रिसर्च फर्म या फोरेंसिक फाइनेंशियल रिसर्च फर्म है। यह फर्म इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव्स पर एनालिसिस रिपोर्ट निकालती है। Nathan Anderson इसके CFA हैं, उन्होंने 2017 में न्यूयॉर्क में इस फर्म की शुरुआत की थी। साल 2020 के बाद से कंपनी 30 रिपोर्ट निकाल चुकी है और अगर इन 30 कंपनियों के स्टॉक की औसत रिपोर्ट देखें तो इनके शेयरों में करीब 15% तक की गिरावट देखी गई। वहीं, छह महीनों में औसतन 26% की गिरावट देखी गई है।
इस तरह हिंडनबर्ग ने कर ली अरबों की कमाई
कंपनी खुद को एक्टिविस्ट शॉर्ट सेलर बताती है। शॉर्ट सेलिंग का मतलब किसी स्टॉक, सिक्योरिटी या कमोडिटी की सेलिंग ट्रिगर करवाना, ताकि डिलीवरी टाइम के पहले उसकी कीमत गिर जाए और उसे कम कीमत पर खरीदा जा सके। कंपनी किसी कंपनी को टारगेट करके उसकी गड़बड़ियां निकालती है, फिर उसके शेयर गिर जाते हैं तो वो उसे खरीदकर बाद में प्रॉफिट कमाती है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पेश होने के दो दिनों के अंदर ही अडानी ग्रुप के शेयर 25 फीसदी तक गिर गए थे। अडानी समूह के इस नुकसान के बीच हिंडनबर्ग ने जमकर कमाई की है। दरअसल हिंडनबर्ग की कमाई का मुख्य जरिया शॉर्ट सेलिंग है। हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप के शेयरों की शॉर्ट सेलिंग करके अरबों की कमाई कर ली। बता दें कि शॉर्ट सेलिंग एक ट्रेडिंग या निवेश रणनीति है। इसमें कोई व्यक्ति किसी खास कीमत पर स्टॉक या सिक्योरिटीज खरीदता है और फिर कीमत ज्यादा होने पर उसे बेच देता है, जिससे फायदा होता है। आसान शब्दों में कहें तो शॉर्ट सेलिंग एक ट्रेडिंग स्ट्रैटेजी है। इसमें किसी शेयर की कीमत गिरने पर पैसा कमाया जाता है।